BY – FIRE TIMES TEAM
उत्तर प्रदेश में अपराध अपने चरम पर है, और हो भी तो क्यों नहीं, जब पुलिस ही गुण्डागर्दी पर उतर आये। प्रदेश की योगी सरकार पुलिस प्रसाशन को चाक-चौबंद करने के नाम पर एन्काउंटर की गिनती गिनाती है। लेकिन यूपी में अब रक्षक ही भक्षक बने हुए हैं।
सूबे के जौनपुर जिले के नेवढ़िया थाना क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले सीतमसराय में एक हृदय विदारक वीडियो सामने आया है। जिसे देखकर आपको यूपी पुलिस की कारस्तानी पता लग जायेगी।
इस वीडियो में पुलिस वाले महिला और युवतियों पर घर में घुसकर बेरहमी से डण्डे बरसाते नजर आ रहे हैं। चारो तरफ चीख-पुकार मची हुई है। महिलायें रोती गिड़गिड़ाती हुई दया की भीख मांगती हैं, लेकिन पुलिस वालों का दिल नहीं पसीजता।
इतना ही नहीं सिविल ड्रेस में भी पुलिस वाले थे जिनका रवैया तालीबानी आतंकियों की तरह ही था। उन युवतियों ने जुर्म कुछ भी किये हों, लेकिन इन पुलिस वालों को इस तरह की हैवानियत का अधिकार किसने दिया है।
जिले के एएसपी ग्रामीण त्रिभुवन सिंह की तरफ से बयान आया है कि 30 अगस्त को मोहर्रम और साप्ताहिक लॉकडाउन के कारण आवश्यक वस्तुओं की दुकानों के अलांवा सभी दुकानें बंद थीं।
बकौल त्रिभुवन सिंह सीतमसराय में सूअर के मांस की बिक्री की जा रही थी। जिसे रोकने के लिए स्थानीय पुलिस वहां पहुंची और बिक्री बंद कराया, लेकिन गुड्डू सोनकर और उनके पिता राजा सोनाकर ने दुकान बंद नहीं की, पुलिस के मना करने पर गुड्डू के परिवार की महिलाओं ने उन पर हमला कर दिया। जिसके जवाब ने पुलिस ने इस तरह की गुण्डागर्दी को अन्जाम दिया।
वैसे तो कहा जाता है कि किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए, लेकिन इन पुलिस वालों को कानून धज्जियां उड़ाने की क्या सजा मिलेगी, क्या मिलेगी भी ? या नहीं।
बयान तो बाद में कुछ भी दे दिये जाते हैं, लेकिन जिसके साथ इस तरह की घटनाएं होतीं हैं। क्या उसकी नजर में पुलिस या कानून की कोई इज्जत रह जाती है, मुझे तो नहीं लगता।
अगर चंद उदाहरण अच्छी पुलिसिंग के मिलते भी हैं तो कई गुने उदाहरण पुलिस की इज्जत को तार-तार करते हुए दिखाई देते हैं। जब तक पुलिसिंग में सुधार नहीं होगा तब तक इस तरह की घटनायें सामने आती रहेंगी।
ऐसी तमाम घटनायें देश और प्रदेश में रोजाना होती रहती हैं। लोगों की नजर उस पर तब पड़ती है जब इस तरह के वीडियो सामने आते हैं। लेकिन हर जगह के वीडियो तो सामने नहीं आते, आते भी हैं तो वायरल नहीं होते।
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