BY- FIRE TIMES TEAM
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को उत्तर प्रदेश की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार उनके और उसने जुड़े अन्य नेताओं के फोन टैप करवा रही है और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ हर शाम उनकी बातचीत की रिकॉर्डिंग सुनते हैं।
यादव ने कहा, “समाजवादी पार्टी से जुड़े लोग निगरानी में हैं। यदि आप हमसे संपर्क कर रहे हैं तो यह बात जान लें कि आप भी रडार में हैं।”
अखिलेश यादव की यह टिप्पणी आयकर विभाग के अधिकारियों द्वारा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजीव राय, निजी सचिव जैनेंद्र यादव और एक अन्य नेता मनोज यादव के घरों पर हुई रेड के एक दिन बाद आई।
बता दें कि, यह रेड अगले साल की शुरुआत में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले की गई है तो समाजवादी पार्टी के नेताओं द्वारा शक करना लाजमी है।
रविवार को यादव ने कहा कि यह रेड इस बात का संकेत है कि भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव हारने वाली है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा भी पूछताछ की उम्मीद कर रहे हैं।
विपक्षी दलों ने अक्सर भारतीय जनता पार्टी पर अपने नेताओं को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
यादव ने रविवार को यह भी कहा कि एक “अनुपयोगी सरकार” से कोई इससे ज्यादा उम्मीद कर भी नहीं सकता है।
इस बीच, समाजवादी पार्टी प्रमुख ने यह भी पूछा कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा, जिनके बेटे आशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी मामले में गिरफ्तार किया गया है, अपने पद से इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे हैं।
मंगलवार को एक विशेष जांच दल ने कहा कि लखीमपुर में हुई किसानों की हत्या कोई दुर्घटना नहीं थी बल्कि सोची समझी साजिश के तहत उनकी हत्या की गई थी, जिसके बाद विपक्षी दलों ने अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग तेज कर दी है।
आशीष मिश्रा को 9 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था, जहां 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी में तिकुनिया पुलिस स्टेशन के क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों की भीड़ पर कथित रूप से आशीष मिश्रा द्वारा चलाई जा रही एक एसयूवी महिंद्रा थार द्वारा चार किसानों को कुचल दिया गया था।
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