BY – FIRE TIMES TEAM
यूपी में वैसे तो अपराधियों का ही बोलबाला है, और जहां नहीं है वहां पुलिस के अत्याचारों से जनता बेहाल है। चाहे वह जौनपुर में सोनकर परिवार पर बेरहमी से पिटाई की घटना हो। या फिर रायबरेली में बाइक चोरी के आरोप में पिटाई से थाने में युवक की जान जाने की घटना। अगर इन घटनाओं को आपने नहीं सुना होगा तो भी लॉकडाउन में पुलिस की बेरहमी से परिचित जरूर रहे होंगे।
यह तो बात हुई जनता के ऊपर होने वाली ज्यादतियों की, लेकिन अब ऐसी भी खबरें आ रहीं हैं जिससे लोगों के कान खड़े हो जायेंगे। दरअसल, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित पुलिस रेडियो मुख्यालय में कार्यरत महिलाकर्मियों ने अधिकारियों पर यौन शोषण के आरोप लगाये हैं।
इस सम्बन्ध में महिला कर्मियों ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हितेश चन्द्र अवस्थी को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि पुलिस कन्ट्रोल रूम 112 से वायरलेस में पोस्टिंग के नाम पर सौदेबाजी का दबाव बनाया जाता है। कुछ वरिष्ठ महिला कर्मी भी इस काम में शामिल हैं। और एक डीआईजी के द्वारा यह सारा काम किया जा रहा है।
पत्र में कहा गया है, “हम प्रार्थिनी गण पुलिस वायरलेस मुख्यालय में सहायक परिचालक पद पर भर्ती हुईं थी। वर्तमान में प्रधान परिचालक पद पर कार्यरत हैं। पुलिस रेडियो विभाग में अलग से स्थानांतरण नीति नहीं बनी है। इसका फायदा उठाकर इस विभाग में महिला कर्मियों का खुलेआम शारीरिक एवं मानसिक शोषण किया जाता है।”
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पत्र में आगे कहा गया है, “जब से यूपी-100 ( अब यूपी – 112) खुला है, तब से महिला कर्मियों का शोषण और बढ़ गया है। नई लड़कियों की नियुक्ति छांटकर पहले 112 में की जाती है। इसके बाद वापस रेडियो मुख्यालय में आने के लिए सौदेबाजी के रूप में यौन शोषण का दबाव बनाया जाता है। हम नई महिला कर्मियों की दशा देह व्यापार करने वाली महिलाओं से भी ज्यादा बदतर हो गई है। तीन लड़कियां आत्महत्या कर चुकीं हैं, अब और करने वाली हैं। सभी बातें गोपनीय जांच में पता लग जायेगी।”
इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी ने डीजीपी से मामले की जांच करके दोषी अधिकारियों को सस्पेंड करने की मांग की है। इस मामले को लेकर समाजसेवी और अधिवक्ता नूतन ठाकुर ने भी डीजीपी को पत्र लिखकर महिलाकर्मियों के कथित शोषण की जांच की मांग की।
बहरहाल, रेडियो मुख्यालय मेें महिला पुलिस कर्मियों के शारीरिक शोषण संबंधी शिकायत की जांच की जा रही है। शुरूआती जांच में जिसके नाम से शिकायत की है, उसने ऐसी किसी तरह के शिकायत करने से इन्कार कर दिया है।
डीआईजी टेलीकॉम सुनीता शर्मा आंतरिक शिकायत समिति के माध्यम से जांच कर रही हैं। उनसे इस मामले की जांच जल्द पूरा करने को कहा गया है। जांच के बाद ही सही जानकारी सामने आयेगी।
जांच में कुछ भी सामने आये लेकिन पुलिस महकमें में महिला कर्मियों के यौन शोषण की घटनायें तो आ ही रहीं हैं। इसी साल जनवरी में प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक महिला सिपाही ने वीडियो जारी कर यौन उत्पीड़न की आपबीती सुनाई थी।