BY – FIRE TIMES TEAM
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले महागठबंधन के अंदर का महाभारत थमने का नाम नहीं ले रहा है। हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के जीतनराम मांझी के बाद महागठबंधन में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा भी एनडीए में जा सकते हैं।
दरअसल, पार्टी की कार्यकारिणी बैठक में महागठबंधन से अलग होने का फैसला लगभग तय हो गया है। पार्टी ने अंतिम फैसला पार्टी के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा पर छोड़ा है।
आखिर क्यों अलग होना चाहते हैं कुशवाहा ?
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने महागठबंधन के मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में उपेन्द्र कुशवाहा का नाम सामने रखा जिसे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इन्कार कर दिया। रालोसपा सीटों के मुद्दे पर भी कोई फैसला न किये जाने से नाराज है। वहीं राजद ने यह कह दिया कि जिसे जाना है, वो जाये। सभी अपने फैसले के लिए स्वतंत्र हैं।
रालोसपा की बैठक में कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार के खिलाफ तेजस्वी के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ा जा सकता। उन्होंने ने कहा कि महागठबंधन में उन्हें पर्याप्त सम्मान नहीं मिल रहा है।
इसी बीच तेजस्वी यादव ने रालोसपा के कुछ नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है। इसमें रालोसपा के युवा प्रदेश कार्यकारिणी अध्यक्ष मोहम्मद कामरान को मंगलवार को तेजस्वी ने राजद की सदस्यता दिलाई।