सबसे ज्यादा नौजवान भारत में हैं और सबसे ज्यादा नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी शायद यहीं हो रहा है। पिछले कई सालों से न तो नौकरी मिल पा रही है और न ही जो परीक्षा पास हो गए हैं उनको पोस्टिंग।
लाखों की तादात में नौजवान सिर्फ इंतजार में बैठे हैं। करोडों लोग ऐसे हैं जो नौकरी से हाँथ धो बैठे हैं। अभी भी नौकरी जाने की सिलसिला जारी है।
अब उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी को लेकर एक नए तरीके का नियम बनने जा रहा है। अमर उजाला में छपी खबर के अनुसार सरकारी नौकरी अब संविदा से शुरू हो सकती है।
योगी सरकार समूह ख व समूह ग की भर्ती प्रक्रिया के बदलाव पर विचार कर रही है। यदि यह बदलाव लागू होता है है तो शुरुआती पांच साल संविदा पर काम करना पड़ेगा।
शुरुआत के 5 सालों में चयनित कर्मचारियों को सरकारी सेवकों को मिलने वाले लाभ नहीं मिलेंगे। इन 5 सालों में सरकार कर्मचारियों की छंटनी भी करती रहेगी। मतलब यदि सरकार को लगेगा तो वह आपको नौकरी से निकाल भी सकती है।
कुल मिलाकर यदि नया बदलाव लागू होता है तो आप एक हिसाब से प्राइवेट नौकरी की तरह काम करेंगे। तनख्वाह भी कम और नौकरी की कोई गारेंटी भी नहीं।
प्रदेश का कार्मिक विभाग इस तैयारी में जुटा हुआ है कि इस प्रस्ताव को जल्द से जल्द कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। इसको लेकर विभागों से राय मसविरा भी शुरू कर दिया गया है।
इस प्रस्ताव के अमल में आने के बाद समूह ‘ख’ व ‘ग’ की पूरी भर्ती प्रक्रिया ही बदल जाएगी। वर्तमान में भर्ती प्रक्रिया से चयन के बाद संबंधित संवर्ग की सेवा नियमावली के अनुसार एक या दो वर्ष के प्रोबेशन पर नियुक्ति देती है।
नई व्यवस्था में छमाही मूल्याकंन होगा। जिसके अनुसार यदि आप 60% अंक नहीं लाते हैं तो आपको नौकरी से निकाल दिया जाएगा। यह प्रक्रिया पूरे 5 साल चलेगी और लोगों की छंटनी होती रहेगी।
योगी जी नौकरी नहीं देनी है तो सीधे बोल दो न ऐसे युवाओं को तड़पाओ मत….