BY- FIRE TIMES TEAM
उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में जिस कानून की छात्रा ने पिछले साल भाजपा के पूर्व सांसद चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाया था, उसने अपने आरोपों को अब वापस ले लिया है।
कथित पीड़िता मंगलवार को यहां एक विशेष एमपी-एमएलए अदालत के सामने पेश हुई और स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया कि उसने पूर्व मंत्री के खिलाफ कोई आरोप लगाया है जैसा कि अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था।
लखनऊ की अदालत
लखनऊ कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर इस मामले की सुनवाई कर रहा था।
अभियोजन पक्ष ने तुरंत सीआरपीसी की धारा 340 के तहत एक आवेदन दिया और छात्रा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
न्यायाधीश पी के राय ने अपने कार्यालय को आवेदन पंजीकृत करने का निर्देश दिया और अभियोजन पक्ष को आवेदन की एक कॉपी पीड़ित और आरोपी को देने को कहा। कोर्ट ने अर्जी पर सुनवाई के लिए 15 अक्टूबर की तारीख तय की है।
लड़की शाहजहाँपुर में चिन्मयानंद के आश्रम द्वारा संचालित एक लॉ कॉलेज की छात्रा थी और उसने पिछले साल अगस्त में यौन शोषण का आरोप लगाया था।
इस मामले ने तब सुर्खियां बटोरी जब लड़की गायब हो गई थी और सुप्रीम कोर्ट में पेश हुई थी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए एक SIT का गठन किया था। बाद में चिन्मयानंद ने यह भी आरोप लगाया था कि वह उनसे पैसे निकालने की कोशिश कर रही थी और इस मामले में क्रॉस-एफआईआर दर्ज भी दर्ज करवाई गई थी।
बाद में दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। चिन्मयानंद को 20 सितंबर, 2019 को गिरफ्तार किया गया था।
जांच अधिकारी ने चिन्मयानंद के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (C), 354 (D), 342 और 506 के तहत आरोप पत्र दायर किया। जांच अधिकारी ने 13 पृष्ठ की चार्जशीट में 33 गवाहों और 29 दस्तावेजी साक्ष्यों का हवाला दिया।
चिन्मयानंद को 3 फरवरी, 2020 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जमानत पर रिहा कर दिया गया था। अदालत ने शाहजहाँपुर से लखनऊ की एमपी-एमएलए अदालत में मुकदमे को स्थानांतरित कर दिया था।
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