UP पंचायत चुनाव: आरक्षण की अंतिम सूची के दिन सुप्रीम कोर्ट का रुख तय करेगा रास्ता

 BY- FIRE TIMES TEAM

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव काफी पहले हो जाने चाहिए थे लेकिन पहले कोरोना फिर आरक्षण के मुद्दे के कारण गांव की सरकार बनाने में देरी हो रही है।

चुनाव प्रक्रिया पहले 1995 के आधार पर शुरू हुई लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट के दखल के बाद यह 2015 के आधार पर हुआ। अब 2015 वाले आधार वर्ष को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है।

2015 को आधार वर्ष मानकर आरक्षण तय करके पहली सूची भी जारी कर दी गई है। इस पर आई आपत्तियों का निस्तारण करके अंतिम सूची की तैयारी भी लगभग हो चुकी है। शुक्रवार को अंतिम सूची प्रकाशित होनी है और उसी दिन सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर सुनवाई भी होनी है।

इसी वजह से पंचायत चुनाव की तैयारी कर रहे उम्मीदवार अभी असमंजस की स्थिति में हैं। यदि सुप्रीम कोर्ट 1995 को आधार वर्ष मानकर अपना निर्णय देता है तो एक बार फिर सीटों को बदलना पड़ सकता है।

यदि सुप्रीम कोर्ट दायर याचिकाओं को रद्द कर देता है तो उम्मीद है कि चुनाव आयोग 27 मार्च को अधिसूचना और विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दे।

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