उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस बार जैसा माहौल देखने को मिल रहा है शायद ही पहले कभी देखने को मिला हो। जनता इस बार डिप्टी सीएम तक का जमकर सामने आकर विरोध कर रही है।
सिराथू सीट से उम्मीदवार बनाए गए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को जनता ने जमकर सुनाया। उनके सामने ही चोर और वापस जाओ के नारे लगाए।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तो बीजेपी के उम्मीदवारों को कई गांव में भगा दिया गया है। ऐसे में जो उम्मीदवार बीजेपी के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं वह भी परिस्थितियों के सामने बेबस हो रहे हैं।
पिछले 10 दिन में 9 नेताओं को गांव वालों ने खदेड़ा है और सब के सब बीजेपी से ही उम्मीदवार थे। कुछ उम्मीदवारों ने इस मामले में एफआईआर कराई है।
प्रयागराज जिले से एमएलसी सुरेंद्र 29 जनवरी को केशव प्रसाद मौर्य के लिए सिराथू प्रचार करने गए थे। अफजलपुर वारी के लोगों ने गांव में घुसने से पहले ही रोक लिया। लोगों ने ‘केशव प्रसाद मुर्दाबाद’ के साथ ‘पहले भगाया गोरों को, अब भगाओ चोरों’ का नारा लगा दिया।
गौरी शंकर वर्मा जालौन की उरई सीट से विधायक हैं और उनको फिर से प्रत्याशी बनाया गया है। 29 जनवरी को क्षेत्र में प्रचार करने पहुंचे तो लोगों ने कहा, ‘पांच साल में न गांव की एक सड़क बनी और न ही नल मिला’। विधायक जी फंस गए और फिर वापस जाना पड़ा।
बुलंदशहर की स्याना सीट से विधायक देवेंद्र सिंह लोधी को भी विरोध का सामना करना पड़ा। 25 जनवरी को प्रचार करने पहुंचे तो लोग जमकर विरोध करने लगे। विधायक जी हाथ जोड़ते हुए वहां से निकल लिए।
मुजफ्फरनगर की खतौली सीट से भाजपा के विक्रम सैनी विधायक हैं। 20 जनवरी को मनव्वरपुर गांव में प्रचार करने पहुंचे तो लोगों ने घेर लिया। मुर्दाबाद के नारे लगने लगे। इस बीच गाड़ी का सीसा टूट गया और विधायक जी ने अपने ही क्षेत्र की जनता पर एफआईआर कर दी।
इस तरह उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बीजेपी को विरोध का सामना करना पड़ रहा है जिसके कई कारण हैं। चाहे वह किसान आंदोलन हो या चाहे वह क्षेत्रीय नेताओं से न