photo source : twitter

CAA के बाद ऐसा दूसरी बार है जब कृषि कानून जनता को समझायेगी सरकार, देशभर में लगेंगे 700 चौपाल

BY – FIRE TIMES TEAM

पिछले वर्ष जब सीएए कानून संसद में बना तो इसका विरोध पूरे देश में ऐसा हुआ कि जगह-2 धरना-प्रदर्शन शुरू हो गये। सरकार कहती रही कि इस कानून से किसी नागरिकता छीनी नहीं जा रही है, लेकिन जनता को यह समझ नहीं आया। अंततः सरकार के तमाम मंत्रियों यहां तक गृहमंत्री और प्रधानमंत्री भी रैलियों के माध्यम से इस बात को समझाते रहे।

खैर उस बात को छोड़ते हैं कि उसमें क्या पेंच है। लेकिन सरकार के इन ज्ञान के तमाम प्रवचनों के बावजूद भी विरोध प्रदर्शन जारी रहे, वो तो सरकार के लिए कोरोना ने एक मौका दिया धरना-प्रदर्शन खत्म करने का नहीं तो यह कब तक चलता कौन जानता है?

और अब कृषि कानून जो कि इसी कोरोना काल में ही पारित हुआ है, इसके विरोध में किसानों के आंदोलन का यह 16वां दिन है। सरकार ने इस विरोध को भी कोरोना महामारी का डर दिखाकर दबाना चाहा लेकिन किसान पीछे नहीं हटे।

केंद्र सरकार ने जहां कृषि कानून को रद्द करने से इनकार कर दिया है, वहीं किसान तीनों ही कृषि कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। केंद्र सरकार के रुख को देखते हुए किसानों ने भी आंदोलन को और तेज करने का ऐलान कर दिया है।

किसानों के सख्त रवैये को देखते हुए बीजेपी भी अब आरपार की लड़ाई के मूड में आ गई है। बीजेपी आज से देश के अलग-अलग शहरों में 700 प्रेस कॉन्फ्रेंस और चौपाल का आयोजन करेगी।

इस चौपाल के जरिए किसानों को कृषि कानून के फायदों के बारे में बताया जाएगा और किसानों को ये समझाने की कोशिश होगी कि नया कृषि कानून किस तरह से उनके लिए फायदेमंद सा​बित होगा।

बीजेपी अपने इस अभियान के दौरान देश में सौ से अधिक जगहों पर सम्मेलन करेगी, जबकि हर जिले में प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी। गौरतलब है कि कृषि कानून को लेकर हाल में एक बुकलेट भी जारी की गई है, जिसमें तीनों कृषि कानूनों से होने वाले फायदे के बारे में बताया गया है।

इसके साथ ही कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए कृषि कानून के फायदे गिना रहे हैं, जिससे किसान अपना आंदोलन खत्म कर दें।

बता दें कि कृषि बिल का विरोध कर रहे किसानों ने आंदोलन और तेज करने का ऐलान कर दिया है। किसानों की ओर से बताया गया है कि वह 12 दिसंबर से दिल्ली-जयपुर और दिल्ली-आगरा हाईवे पर चक्का जाम करेंगे।

इसके साथ ही किसानों का आंदोलन 14 दिन से देशभर में और तेज कर दिया जाएगा। इसके बावजूद अगर सरकार ने किसानों की मांगों पर कोई फैसला नहीं लिया तो बीजेपी के मंत्रियों और नेताओं का घेराव किया जाएगा।

किसानों का कहना है कि जिन मांगों को लेकर पिछले 15 दिन से वह दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं, उन्हें वह पूरा करवाकर ही वहां से जाएंगे।

भारतीय जनता पार्टी की ओर से विपक्ष पर बड़ा हमला बोला गया है। बीजेपी ने कृषि कानून के मसले पर विपक्ष पर किसानों को भड़काने का आरोप लगाया है। बीजेपी का आरोप है कि विपक्ष किसानों के कंधे पर बंदूक रख चला रहा है और बिचौलियों का पक्ष ले रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इशारों में इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि संसद के भीतर और बाहर संवाद होना चाहिए। बीजेपी की ओर से दावा किया गया है कि तीनों कृषि कानून किसानों के फायदे के लिए हैं। किसानों को इस कानून से जुड़ी कोई शंका है तो बातचीत से इसका हल निकाला जा सकता है।

 

About Admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *