व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा कोई तो इन हिमाचलियों को समझाओ। बेकार की जिद पकड़कर बैठे हुए हैं। कहते हैं कि हमारी यही परंपरा है। आज की नहीं‚ पुरानी परंपरा है। पीढ़ियों से चली आती परंपरा। चुनाव हुआ और सरकार बदली। इस बार भी वही करेंगे। मोदी जी की भी नहीं …
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