Tag Archives: बादल सरोज

कौन हैं ये ईश्वरप्पा, जिनका ऑनलाइन तीर्थाटन करने पहुंचे खुद पीएम मोदी?

 BY- बादल सरोज कल परसों मोदी जी ने कर्नाटक के ईश्वरप्पा जी को वीडियो कॉल करके उनसे कर्नाटक चुनावों में भाजपा के साथ ही बने रहने की गुहार लगाई। ईश्वरप्पा भी ईश्वर के ही अप्पा हैं, उन्होंने भी ब्रह्मा जी का वीडियो कॉल मीडिया के सामने ही सुना। कौन है …

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पूँजीवाद सिर्फ लोगों के लिए माल नहीं पैदा करता, वह अपने माल के लिए लोग भी पैदा करता है

आलेख : बादल सरोज इन दिनों की ख़ास बात “क्या हो रहा है” नहीं है, इन दिनों की विशिष्ट पहचान या प्रभावी सिंड्रोम “अब कुछ नहीं हो सकता” का अहसास है। बड़े जतन, बड़े भारी खर्चे और योजनाबद्ध तरीके से इसे समाज के बड़े हिस्से पर तारी कर दिया गया …

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किसानों ने केवल मोदी सरकार की अकड़ को ही नहीं तोड़ा, देश की जनता को संदेश भी दिया

 BY- बादल सरोज 11 दिसम्बर को सारे डेरे, तम्बू समेट कर सिंघु बॉर्डर से किसानो का आख़िरी जत्था भी नाचते-गाते अपने-अपने घरों के लिए वापस लौट गया। कोई 380 दिन के अनवरत चले पड़ाव का सुखद विजयी स्थगन जीत के उल्लास में साफ़ दिखाई दे रहा था। हठी के अहंकार …

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पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले हिंदुत्व की काशी करवट मुद्दों से कितना दूर ले जाएगी

BY-बादल सरोज बनारस में पूरी धजा में था हिंदुत्व। डूबता, उड़ता, तैरता, तिरता, घंटे-घड़ियाल बजाता, शंख ध्वनियों में मुण्डी हिलाता, दीप ज्योतियों में कैमरों को निहारता, झमाझम रोशनी में भोग लगाता, खुद पर खुद ही परसादी चढ़ाता, रात-बिरात घूमता; पूरी आत्ममुग्ध धजा में था हिंदुत्व। सजा आवारा। एक दिन में …

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मुनव्वर से बरास्ते वीर दास, कुणाल तक : गहरे होते अँधेरे, मुक़ाबिल होते उजाले

BY- बादल सरोज पिछले सात साल में दो मामलों में मार्के का विकास हुआ है। एक: मोदी राज की उमर बढ़ी है, बढ़कर दूसरे कार्यकाल का भी आधा पूरा कर चुकी है। दो: रचनात्मकता को कुचल देने और सर्जनात्मकता को मार डालने की योजनाबद्ध हरकतें बढ़ते-बढ़ते एक ख़ास नीचाई तक …

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गाँव बसने से पहले ही आ पहुँचे उठाईगीरे : क़ानून वापसी के साथ-साथ कानूनों की पुनर्वापसी की जाहिर की मंशा

आलेख : बादल सरोज 19 नवम्बर की भाषणजीवी प्रधानमंत्री के तीनो कानूनों को वापस लेने की मौखिक घोषणा पर कैबिनेट ने 5 दिन बाद 24 नवम्बर को मोहर लगाई और संसद में बिना कोई चर्चा कराये 29 नवम्बर को उन्हें संसद के दोनों सदनों में भी रिपील कराने का बिल …

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मोदी जी सरकारी फैक्ट्रियां बेच ही नहीं रहे, इस पर गर्व का गरबा भी कर रहे हैं

 BY- बादल सरोज प्रचलन में यह है कि दशहरे के दिन अस्त्र-शस्त्रों की पूजा होती है। मगर जैसा कि विश्वामित्र कह गए हैं : “कलियुग में सब उलटा पुलटा हो जाता है।” वही हो रहा है। इस दशहरे पर मोदी जी हिन्दू धर्म के स्वयंभू संरक्षक मोदी जी, राष्ट्रवाद की …

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किसान आंदोलन के नौ महीने: भारत के जनांदोलनों के इतिहास के असाधारण संग्राम की विशेषताएं

BY: बादल सरोज 26 अगस्त को नौ महीने पूरे कर रहे किसान आंदोलन को किसी परिचय या भूमिका की आवश्यकता नहीं है। यहां सीधे इसकी कुछ विशेषताओं पर आते हैं। इस असाधारण किसान आन्दोलन की इन सबसे भी कहीं ज्यादा बुनियादी और दूरगामी छाप छोड़ने वाली विशेषतायें पाँच हैं। पहली : …

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कॉरपोरेट ने जिस-जिस जगह पैर रखा, वहां-वहां खेती का बंटाधार हुआ

 BY- बादल सरोज  सार रूप में कहानी यह है कि आधी रात में अलाने की भैंस बीमार पड़ी। बीमारी समझ ही नहीं आ रही थी। उन्हें किसी ने बताया कि ठीक यही बीमारी गाँव के फलाने की भैंस को भी हुयी थी। वे दौड़े-दौड़े उनके पास गए और वो दवा …

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दुनिया के ऐसे इकलौते प्रधानमंत्री, जिन्होंने अपने कार्यकाल में सबसे ज्यादा ड्रेस बदली और पहनी हैं

BY-बादल सरोज 28 फरवरी को इसरो के प्रक्षेपण केंद्र से जो उपग्रह लांच किया गया है, उसमे नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी भेजने का नमूना पेश करके इस बार तो प्रधानमंत्री की आत्ममुग्धता ने “आकाश ही सीमा है” के मुहावरे को भी पीछे छोड़ दिया। सारी सीमाओं को लांघ कर …

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