Tag Archives: नजरिया

जिसका भारत की आजादी की लड़ाई में रत्ती भर का योगदान नहीं वह आज़ादी का अमृत महोत्सव कैसे मना रहे?

आलेख : बादल सरोज विडम्बनाओं के इतिहास बने या न बने, इतिहास में विडम्बनाएं अक्सर आती-जाती रहती हैं और यदाकदा खुद को दोहराती भी रहती हैं। भारत की आजादी की 75वीं वर्षगाँठ का मुबारक मौके पर दिख रही विसंगति इसका एक ताजा उदाहरण है। यहां आजादी का अमृत महोत्सव मनाने …

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सिर्फ दुकानों-घरों पर ही नहीं; बुलडोजर संविधान और कानून पर भी चल रहा

आलेख : बादल सरोज वैसे तो भाजपा राज में साम्प्रदायिकता की नफरती मुहिम की रफ़्तार कभी धीमी नही हुई, मगर इस बीच इसमें अचानक कुछ ज्यादा ही तेजी आई है। उत्तरप्रदेश सहित पांच प्रदेशो के विधानसभा चुनावो में जीतने के बाद तो जैसे आरएसएस और भाजपा ने अपने सारे भेड़िये …

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जैसे-जैसे भाजपा की उम्मीदों की चादर सिकुड़ती जा रही है, वैसे-वैसे आरएसएस की साजिशों के पाँव पसरते जा रहे हैं

 BY- बादल सरोज शून्य को शून्य में जोड़ने, एक शून्य हटा दूसरी बिठाने से संख्या नहीं बढ़ती पता नहीं क्यों पिछले तीन दिनों से सारा मीडिया सारे फ़साने से जिसका कोई रिश्ता तक नहीं, उस मोदी मंत्रिमंडल के पहले फेरबदल पर दीवाना बना हुआ है। जिस मोटा भाई के मंत्रिमण्डल …

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कॉरपोरेट ने जिस-जिस जगह पैर रखा, वहां-वहां खेती का बंटाधार हुआ

 BY- बादल सरोज  सार रूप में कहानी यह है कि आधी रात में अलाने की भैंस बीमार पड़ी। बीमारी समझ ही नहीं आ रही थी। उन्हें किसी ने बताया कि ठीक यही बीमारी गाँव के फलाने की भैंस को भी हुयी थी। वे दौड़े-दौड़े उनके पास गए और वो दवा …

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दुनिया के ऐसे इकलौते प्रधानमंत्री, जिन्होंने अपने कार्यकाल में सबसे ज्यादा ड्रेस बदली और पहनी हैं

BY-बादल सरोज 28 फरवरी को इसरो के प्रक्षेपण केंद्र से जो उपग्रह लांच किया गया है, उसमे नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी भेजने का नमूना पेश करके इस बार तो प्रधानमंत्री की आत्ममुग्धता ने “आकाश ही सीमा है” के मुहावरे को भी पीछे छोड़ दिया। सारी सीमाओं को लांघ कर …

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जब गोलवलकर से आरएसएस तक को भले दिखावे के लिए ही सही, पल्ला झाड़ना पड़ा

आलेख : बादल सरोज पिछले सप्ताह भारत सरकार के संस्कृति मंत्री के गोलवलकर की महिमा का बखान करते हुए किये गए ट्वीट ने देश के राजनीतिक विमर्श को आधिकारिक रूप से एक नयी नीचाई तक पहुंचा दिया है। यह बखान इसलिए काबिले गौर है, क्योंकि यह मंत्री के पद पर …

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सहजानन्द सरस्वती: एक स्वामी, जिन्होंने किसान आंदोलन की दिशा-दशा बदल दी

 BY : बादल सरोज इतिहास के सबसे विराट किसान आंदोलन ने इन दिनों पूरे देश को झंकृत करके रखा हुआ है। यह किसानों के अद्भुत जागरण और असाधारण जिजीविषा के उभार का समय है। यह समय एक असामान्य सामाजिक मंथन का समय है, जिसने भारत के नागरिकों को सब कुछ …

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