व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा देखिए, देखिए, ये तो सरासर चीटिंग है। पिचहत्तर साल पहले जब बेचारे संघी भाइयों ने तिरंगे के बेढंगा, अशुभ वगैरह होने के बारे में राष्ट्र को चेताया, तो विरोधी उनसे कहते थे कि तिरंगे का विरोध बंद करो, उसे राष्ट्र का झंडा मानना शुरू करो। पर …
Read More »जैसे-जैसे भाजपा की उम्मीदों की चादर सिकुड़ती जा रही है, वैसे-वैसे आरएसएस की साजिशों के पाँव पसरते जा रहे हैं
BY- बादल सरोज शून्य को शून्य में जोड़ने, एक शून्य हटा दूसरी बिठाने से संख्या नहीं बढ़ती पता नहीं क्यों पिछले तीन दिनों से सारा मीडिया सारे फ़साने से जिसका कोई रिश्ता तक नहीं, उस मोदी मंत्रिमंडल के पहले फेरबदल पर दीवाना बना हुआ है। जिस मोटा भाई के मंत्रिमण्डल …
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