BY- FIRE TIMES TEAM
सुशांत मामले में बिहार की बीजेपी सरकार ने जिस तरह से शुरुआत से रुख रहा है, उससे यह पहले ही अंदाजा लगाया जा चुका था कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में नीतीश समेत बीजेपी की डूबती नैया को पार लगाने का काम सुशांत की मौत ही करेगी।
बीजेपी जमकर इस मुद्दे को उठाकर बिहार विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल करती नजर आ रही है।
भारतीय जनता पार्टी में कला संस्कृति प्रकोष्ठ के बिहार संयोजक वरुण कुमार सिंह ने सुशांत सिंह की तस्वीर साझा करते हुए कहा कि ना भूले हैं, ना भूलने देंगे। तस्वीर के ऊपर जस्टिस फॉर सुशांत भी लिखा है।
हालांकि भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि इसमे कुछ भी राजनीतिक नहीं है। यह सिर्फ दिवंगत अभिनेता के परिवार के साथ एकजुटता दिखाने के लिए है।
वहीं आरजेडी के मृत्युंजय तिवारी ने दावा किया कि तेजस्वी यादव सुशांत की मौत की सीबीआई जांच की मांग करने वाले पहले व्यक्ति थे, लेकिन इसका राजनीतिक इस्तेमाल करने के खिलाफ थे।
तिवारी ने कहा कि किसी की लाश पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
भाजपा के कला और सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के राज्य संयोजक वरुण सिंह ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि पोस्टर सुशांत के परिवार के लिए न्याय के लिए उनके अभियान का हिस्सा है।
एक कलाकार होने के नाते, सुशांत के साथ एक भावनात्मक लगाव है, जो हमारे राज्य के थे। यह कला और संस्कृति प्रकोष्ठ था, जिसने पहली बार सुशांत की मौत की सीबीआई जांच की मांग उठाई थी।
सुशांत के ऊपर बनाये गए पोस्टर को लेकर लोग भाजपा की आलोचना भी कर रहे हैं। कई लोगों ने आरोप लगाया कि बीजेपी चुनाव में लाभ के लिए सुशांत की मौत को मुद्दा बना रही है।
बीजेपी ने सुशांत की तस्वीरों के साथ बिहार में चुनाव अभियान शुरू किया है। वे सुशांत के लिए न्याय नहीं चाहते हैं, वे उसकी मौत का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिए करना चाहते हैं।
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