सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को जारी रखने के लिए केंद्र की खिंचाई की। दरअसल इस प्रोजेक्ट के खिलाफ याचिका पर फैसले का इंतजार है।
हालांकि शीर्ष अदालत ने 10 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नई संसद के लिए शिलान्यास समारोह की अनुमति दी। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि अभी कोई भी निर्माण, विध्वंस या पेड़ों की कटाई स्थल पर नहीं होगी।
केंद्रीय विस्टा परियोजना केंद्र की महत्वाकांक्षी परियोजना में से एक है। इसमें एक केंद्रीय सचिवालय, एक नया संसद भवन और प्रधानमंत्री और उप-राष्ट्रपति के निवास शामिल हैं।
नया संसद भवन 2022 तक तैयार हो जाएगा जबकि नए केंद्रीय सचिवालय का एक हिस्सा, सभी केंद्रीय मंत्रालयों के कार्यालय, आवास 2023 तक तैयार हो जाएंंगे।
जस्टिस एएम खानविल्कर, दिनेश माहेश्वरी और संजीव खन्ना की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से परियोजना पर हालिया अपडेट के लिए कहा और केंद्र से कोई बयान नहीं आने पर स्थगन आदेश पारित करने का निर्देश दिया।
मेहता ने एक बयान के साथ कहा कि साइट पर सभी निर्माण कार्य तब तक रोक दिए जाएंगे जब तक कि अदालत फैसला नहीं सुनाती।