BY- BIPUL KUMAR
आज बीजेपी ने राहुल गांधी की टीशर्ट पर सवाल खड़ा कर दिया कि उन्होंने 40 हजार की टीशर्ट पहनी हैं। मैं अमूमन पहनने खाने को निजी मामला मानता हूं लेकिन आज राजीव जी फिर से याद आये। मत भूलिएगा राहुल उन्हीं राजीव गांधी के बेटे हैं।
यहाँ कहानी प्रदीप की है जो राजीव के एक बेहद प्रिय गार्ड थे। उनका पूरा नाम प्रदीप गुप्ता था। यह वही प्रदीप गुप्ता थे जो राजीव जी के साथ साथ शहीद हो गए थे। प्रदीप गुप्ता को दिल्ली पुलिस के सैकड़ों सब इंस्पेक्टर्स के बीच से केवल इसलिए चुना गया था क्योंकि उनकी कार्यशैली राजीव गांधी के मनमाफिक थी। कुछ ही समय में राजीव गांधी और सब इन्स्पेक्टर प्रदीप गुप्ता की दोस्ती की चर्चाएँ पुलिस विभाग के साथ साथ इंटेलिजेंस और सत्ता के गलियारों में हर जगह थी।
एक बार लन्दन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर फ्लाईट में देरी थी तो राजीव ने प्रदीप से कहा कि ड्यूटी फ्री शॉप से कुछ ले लो। प्रदीप गए और लगभग 50 डॉलर में रेबेन का एक चश्मा ले आये, ठीक वैसा ही जैसा राजीव पहनते थे। जब दोनों दिल्ली पहुंचे तो राजीव ने प्रदीप से कहा यार तुम ठग लिए गए हो! मेरा चश्मा पालिका बाजार से है और हमने से केवल 500 रुपये में लिया है।
सवाल यह भी हैं कि जिसके पिता और दादी ने देश के लिए शहादत दी हो। जिसके पुरखों के कपड़े सरकारी म्यूजियम की शोभा बढ़ाते हो। जो खुद 18 वर्षों से संसद का सदस्य है, उसे एक टीशर्ट के लिए ट्रॉल कर रहे या सच में बात कुछ और है..?
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