BY – FIRE TIMES TEAM
उत्तर प्रदेश में विधान परिषद (MLC) के खंड स्नातक और खंड शिक्षक क्षेत्र से 11 सीटों के लिए चुनाव की मतगणना जारी है। गुरुवार से जारी मतगणना के बाद कुछ सीटों के नतीजे घोषित हो चुके हैं, जबकि कुछ पर मतगणना जारी है।
मसलन झांसी में रुक रुक कर हंगामें के बीच मतगणना हो रही है। यहां भाजपा और सपा कार्यकर्ता आमने सामने हैं। यहां मतगणना केन्द्र में भाजपाइयो को घुसने से रोकने पर पुलिस के साथ तीखी झड़प हुआ। पुलिस बल ने भाजपाइयों पर लाठी चार्ज भी किया।
खंड शिक्षक निर्वाचन की सभी छह सीटों के नतीजे घोषित किए जा चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी ने लखनऊ, बरेली-मुरादाबाद के साथ मेरठ खंड शिक्षक निर्वाचन सीट पर जीत हासिल की है। लखनऊ खंड शिक्षक निर्वाचन सीट पर बीजेपी के उमेश द्विवेदी ने जीत दर्ज की है।
विधान परिषद वाराणसी खंड शिक्षक कोटे की सीट पर सपा के लाल बिहारी यादव विजयी रहे। उन्होंने प्रतिद्वन्दी शिक्षक नेता ओम प्रकाश शर्मा गुट के डा. प्रमोद कुमार मिश्र को 936 वोट से शिकस्त दी।
शिक्षक सीट पर पिछले दस साल से काबिज निवर्तमान विधायक चेत नारायण सिंह मतगणना के प्रारंभ से अंत तक तीसरे स्थान पर ही बने रहे। वह मात्र 4858 मत ही पा सके।
स्नातक सीट पर भी सपा बढ़त बनाये हुए है। सपा के आशुतोष सिन्हा को पांचवें चक्र में 15035 मत जबकि भाजपा के केदारनाथ सिंह को 13208 मत मिले हैं। दोनों प्रत्याशियों को अब तक 18679 और 16665 मत मिले हैं। इस लिहाज से अभी 2014 मतों का अंतर है।
दूसरी वरीयता के मतों की गणना रात 12 बजे तक पूरी हो जायेगी। उसके बाद तीसरी वरीयता के मत गिने जायेंगे। नतीजे सुबह 4 बजे के बाद ही आ पायेंगे। सपा प्रत्याशी आशुतोष सिन्हा लगातार बढ़त बनाये हुए हैं।
आपको बता दें यूपी विधान परिषद में कुल सदस्यों की संख्या 100 है। इनमें विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के 38 सदस्य, तो स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्र के 36 सदस्य शामिल हैं।
शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र सदस्यों की संख्या 08 और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के सदस्यों की संख्या भी 08 है। 10 मनोनीत सदस्यों के साथ यह संख्या 100 हो जाती है।
11 सीटों में पांच खंड स्नातक और छह खंड शिक्षक की सीटें हैं, जिन पर भाजपा, सपा और कांग्रेस ने प्रत्याशी उतारे हैंं। बड़ी संख्या में निर्दलीय भी मैदान में हैं। इन सीटों पर सदस्यों को कार्यकाल इस साल मई में ही पूरो हो गया था, लेकिन कोरोना महामारी और लॉकडाइन की अड़चनों के कारण तब चुनाव नहीं हो सके थे। इसके बाद यूपी चुनाव आयोग ने तैयारी शुरू की और बीती 1 दिसंबर को मतदान हुआ था।