विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फैसला सुनाते ही रिटायर्ड हो गए। वह गोरखपुर से लखनऊ स्थानांतरित होने के चार महीने बाद 25 अगस्त 2015 से मुकदमे की अध्यक्षता कर रहे हैं।
उन्होंने 2018 में बाबरी विध्वंस मामले की सुनवाई करते हुए लखनऊ के जिला और सत्र न्यायाधीश का कार्यभार भी संभाला।
19 अप्रैल 2017 के सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश पारित किया। इसमें कहा गया कि मुकदमे की सुनवाई पूरी होने तक न्यायाधीश का कोई स्थानांतरण नहीं होगा। यही कारण था कि न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने 30 सितंबर, 2019 को अपनी सेवानिवृत्ति की तारीख के बाद भी बाबरी मुकदमे की अध्यक्षता करते रहे।
राज्य सरकार ने उन्हें नौ महीने, दो महीने और एक महीने के तीन एक्सटेंशन दिए। तीसरा विस्तार 30 सितंबर को समाप्त होगा। और 30 सितम्बर को फैसला सुनाते ही सुरेंद्र कुमार यादव रिटायर्ड हो गए।
वह यूपी के जौनपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। सुरेंद्र कुमार 1990 में फ़ैज़ाबाद में अतिरिक्त मुंसिफ के रूप में न्यायिक सेवाओं में शामिल हुए। वह 2008 में उच्च न्यायिक सेवाओं में शामिल हुए। वह हरदोई, सुल्तानपुर, इटावा, फैजाबाद, उन्नाव, गोरखपुर और लखनऊ सहित कई स्थानों पर तैनात थे।