देश की आर्थिक स्थिति सही नहीं है। मोदी सरकार के बनने से ही यह लगातार खराब होती गई है। अब कोरोना संकट की वजह से और बुरी स्थिति में है। अब इसपर आरबीआई ने मोहर लगा दी है।
शुक्रवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 9.5 फीसदी तक गिरने की संभावना है। उन्होंने कहा कि जीडीपी कोरोना वायरस के नुकसान से बाहर निकल कर 2020 की चौथी तिमाही तक सकारात्मक हो सकती है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि भारत की रिकवरी में तीन गति की रिकवरी होने की संभावना है, जिसमें व्यक्तिगत क्षेत्रों में सेक्टर-विशिष्ट वास्तविकताओं के आधार पर अलग-अलग पेस दिखाई देते हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर दास ने कहा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था लचीली दिख रही है, खरीफ की बुवाई पिछले साल के मुकाबले पहले ही पार कर चुकी है और खाद्यान्न की रिकॉर्ड उंचाई को छूने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिक शहरी क्षेत्रों में काम करने के लिए लौट रहे हैं, यही वजह है कि कारखाने और निर्माण फिर से शुरू हो रहे हैं और ऊर्जा की खपत बढ़ रही है।
कृषि और संबद्ध गतिविधियां, तेजी से आगे बढ़ने वाले उपभोक्ता सामान, दोपहिया, यात्री वाहन और ट्रैक्टर, दवाई, फार्मास्यूटिकल्स और बिजली उत्पादन (विशेष रूप से नवीकरणीय) कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जो इस श्रेणी में आते हैं।
रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव न करते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि राष्ट्र का मिजाज डर से आशा की ओर बढ़ गया है।
आपको बता दूं कि पिछले महीने वित्त वर्ष 2021 की अप्रैल-जून तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ पिछले 40 साल के सबसे बड़ी गिरावट के साथ दर्ज की गई। इस तिमाही में ग्रोथ रेट माइनस 23 फीसदी दर्ज की गई।
हालांकि अब दास ने कहा है कि 2021 में रियल जीडीपी में 9.5 फीसदी की गिरावट आने की संभावना है लेकिन तेजी से रिबाउंड का अनुमान है।