BY- FIRE TIMES TEAM
मुंबई के सबसे बड़े सरकारी केईएम अस्पताल के जीएस मेडिकल कॉलेज में 24 साल के एक दलित छात्र संग रैगिंग और जातीय टिप्पणी का मामला सामने आया है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए छात्र की शिकायत पर 17 छात्र और दो हॉस्टल वॉर्डन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
14 जनवरी को केस दर्ज होने के बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं होने से दलित संगठन नाराज हैं। मंगलवार को जाति अंत संघर्ष समिति और दलित पैंथर सुवर्ण महोत्सव समिति ने केईएम अस्पताल के सामने मौन आंदोलन किया। यह प्रोटेस्ट आज (बुधवार) भी जारी रहेगा।
महाराष्ट्र के हिंगोली के रहने वाले छात्र सुगत भारत पडघान का आरोप है कि पिछले तीन सालों से उसके रूममेट और अन्य छात्र उसे लगातार परेशान कर रहे हैं। कई मौकों पर उनकी बातें ना सुनने पर उसे मारने की कोशिश भी की गई। आरोप है कि हॉस्टल के दो वार्डन और डीन से इसकी शिकायत के बाद भी आरोपी छात्रों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अपनी कंप्लेंट में सुगत ने कहा कि मुझे जमीन पर सोने को मजबूर किया गया। आपत्ति जताने पर भी अन्य रूममेट अपने जूते और चप्पल उसके बिस्तर के पास रखते थे। जबरदस्ती बर्तन और टिफिन धुलवाया जाता था। मना करने पर उसे एक रूममेट ने आठवें मंजिल से नीचे फेंकने की धमकी दी। उसे अपमानित करने के लिए जातिसूचक गालियां दी जाती।
शिकायत मिलने के बाद केईएम के डीन हेमंत देशमुख ने इस मामले की जांच के लिए एंटी रैगिंग कमिटी गठित की। हालांकि, जांच रिपोर्ट में आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए मामला खारिज कर दिया। मामले को रफा दफा करने का आरोप संगठन ने कमेटी पर लगाया, साथ ही जांच रिपोर्ट अमान्य होने की बात कही।
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