आत्मनिर्भर भारत पैकेज में गरीब और प्रवासी मजदूरों को कुछ नहीं मिलाः आनंद शर्मा

BY – FIRE TIMES TEAM

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणाएं पॉंच चरणों में की। 12 मई को प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम सम्बोधन में इसे आत्मनिर्भर भारत पैकेज नाम दिया था। जिसके बाद वित्त मंत्री ने 13 मई से 17 मई तक प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से पैकेज का लेखा-जोखा दिया।

इस पैकेज की घोषणा पर पलटवार करते हुए कांग्रेसी नेता आनंद शर्मा ने कहा कि पैकेज सिर्फ 3.22 लाख करोड़ रूपये का ही है जो जीडीपी का 1.6 प्रतिशत है, यह 20 लाख करोड़ का पैकेज नहीं है जैसा कि प्रधानमंत्री जी ने कहा था।

इससे पहले राहुल गांधी ने भी न्याय की तर्ज पर लोगों के हाथों में 7500 रूपये देने की अपील की थी। आज श्री गांधी ने कहा कहा कि मेरी मांग है कि सरकार एक बार फिर से इस पैकेज की समीक्षा करे।

13 मई को वित्त मंत्री ने 5.94 लाख करोड़ रूपये की घोषणा की, जिसमें MSME, NBFC को कर्ज के अलांवा बिजली वितरण कंपनियों की बात मुख्य रूप से थी। और MSME के दायरे को भी बड़ा किया गया। 14 मई को 3.10 लाख में प्रवासी मजदूरों को 2 महीने निःशुल्क अनाज और किसानों को कर्ज शामिल किया गया है।

15 मई को घोषित 1.5 लाख करोड़ की राशि को मुख्य रूप से खेती के बुनियादी ढांचे को विकसित करने में किया जायेगा। और महात्मा गॉंधी नरेगा का दायरा 40,000 करोड़ किया गया है।

 

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत 1.92 लाख करोड़ की व्यवस्था की गई है। वहीं रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने भी 8,01,603 करोड़ रूपये के उपायों का ऐलान किया है।

इन सभी राशियों को मिलाकर सरकार आत्मनिर्भर भारत पैकेज पर 20,97,053 करोड़ रूपये खर्च करने जा रही है।

आनंद शर्मा ने आगे कहा कि वित्तमंत्री की हालत समझी जा सकती है क्योंकि अर्थव्यवस्था तबाह हो चुकी है। सरकार सिर्फ जुबानी मदद कर रही है। लोग सड़कों पर मर रहे हैं।

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