कोरोना संकट के बीच सरकार की आय बेहद कम हो गई है। अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट है। कई अनुमान के अनुसार इस साल भारत की जीडीपी शून्य के आसपास रह सकती है।
इस आर्थिक संकट से उभरने तथा कोरोना से लड़ने के लिए सरकार ने एक फण्ड बनाया जिसे पीएम केयर्स फण्ड नाम दिया गया। प्रधानमंत्री ने देश के लोगों से इसमें पैसा जमा कराने की अपील की। इस अपील के बाद सामान्य आदमी से लेकर उधोगपतियों ने इस फण्ड में पैसे जमा कराए।
देश की कंपनियों ने सीएसआर यानी कि कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत फण्ड में खूब दान किया। मार्च महीने से लेकर मई तक 84 कंपनियों ने कुल 7537 करोड़ रुपये कोरोना से लड़ने के लिए दान किया है। इसमें से 4316 करोड़ रुपये सीधे पीएम केयर्स फण्ड में जमा किये हैं।
कोरोना से लड़ने के लिए सबसे ज्यादा दान महाराष्ट्र की कंपनियों ने किया है। 84 में से 36 कंपनियां महाराष्ट्र की हैं जिन्होंने कुल का 4728 करोड़ रुपये खर्च किये हैं। यह रकम कंपनियों द्वारा किये गए कुल योगदान की 63% है।
योगदान देने के मामले में दूसरे नंबर पर दिल्ली की कंपनियां हैं जिन्होंने कुल का 17 फीसदी दान किया। वहीं गुजरात से कुल का सिर्फ 7 फीसदी ही योगदान आया। गुजरात की बात करें तो यह भी औद्योगिक विकास में काफी आगे है। यहां भी लाखों की संख्या में कंपनियां मौजूद हैं।