BY- FIRE TIMES TEAM
राजस्थान के हिण्डोली विधानसभा में रहने वाली पिस्ता मीणा ने चार बार प्रदेश स्तरीय, पाँच बार जिला स्तरीय कबड्डी टूर्नामेंट में अपना और अपने जिले का नाम रोशन किया है। अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने दो बार नेशनल टीम में भी जगह बनाई।
लेकिन, इतनी प्रतिभावान खिलाड़ी का भविष्य खेल विभाग से जुड़े चापलूस और भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों ने मिलीभगत के चलते अब बर्बाद कर दिया है।
जिला कलेक्टर को पिस्ता मीणा ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि उनके साथ अन्याय हुआ है। खेल विभाग के अधिकारियों ने सबसे पहले बताया कि उनका चयन राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए हुआ है। बाद में उनकी जगह एक ऐसे खिलाड़ी को चुना गया जिसके पास कोई अनुभव नहीं है और न ही उस खिलाड़ी ने कभी किसी खेल में भाग लिया है।
जिला कलेक्टर ने आश्वासन देते हुए कहा कि आप जरूर खेलोगी उसके बाद भी टीम स्लेक्टर ने बात नहीं कि और अपने फ़ोन बन्द कर लिए जिसकी वजह से खिलाड़ी अपना मैच नहीं खेल पाई । खिलाड़ी पिस्ता मीणा ने कहा कि अब खेल विभाग भी भ्रष्ट हो गया है और प्रतिभा पे चापलूसी भारी हो गयी है।
कौन हैं पिस्ता मीना
मीना राजस्थान के बूंदी जिले के हिंडोली शहर की मूल निवासी हैं। पिस्ता मीणा आदिवासी समुदाय से आतीं हैं। इतनी प्रतिभा होने के बावजूद चयनकर्ताओं ने उनकी जगह एक ऐसे खिलाड़ी को चुना जिसके पास एक भी राज्य स्तरीय मैच खेलने का अनुभव नहीं है।
पिस्ता ने अपनी व्यथा बताते हुए रोते हुए कहा कि उसका भविष्य बर्बाद किया जा रहा है। खेल विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है। ऐसे लोगों को चुना जा रहा है जिनकी पहुंच ऊपर तक है। वंचित तबके के लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
नागरिकों ने ट्विटर पर #पिस्ता_को_न्याय_दो हैशटैग के साथ काफी ट्वीट किए और खिलाड़ी का समर्थन किया।
हंसराज मीणा ने ट्वीट किया, “सीएम @ashokgehlot51 जी, बूंदी जिलें की कब्बड़ी की प्रतिभावान खिलाड़ी पिस्ता मीणा के साथ राजस्थान खेल विभाग के अधिकारियों व स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा भेदभाव का रवैया निंदनीय है। राज्य सरकार को इस भ्रष्ट व जातिवादी सिस्टम को सुधारने की जरूरत है। संज्ञान लें। #पिस्ता_को_न्याय_दो”
सीएम @ashokgehlot51 जी, बूंदी जिलें की कब्बड़ी की प्रतिभावान खिलाड़ी पिस्ता मीणा के साथ राजस्थान खेल विभाग के अधिकारियों व स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा भेदभाव का रवैया निंदनीय है। राज्य सरकार को इस भ्रष्ट व जातिवादी सिस्टम को सुधारने की जरूरत है। संज्ञान लें। #पिस्ता_को_न्याय_दो
— Hansraj Meena (@HansrajMeena) December 26, 2021
एक और ट्विटर यूजर ने लिखा, “आदिवासी छात्रा पिस्ता मीणा को उसका हक मिलना चाहिए और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। सीएम @ashokgehlot51 जी मामले को संज्ञान में लें।”
यह भी पढ़ें- क्या इसी गुजरात मॉडल को पूरे देश में लागू करने की बात हुई थी?
Follow Us On Facebook Click Here
Visit Our Youtube Channel Click Here