ओवैसी बिहार के बाद पश्चिम बंगाल, असम और उत्तर प्रदेश के नेताओं के लिए बनेंगे चुनौती

BY- FIRE TIMES TEAM

बिहार विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने 5 सीटें जीतकर यह दिखा दिया है कि वह सिर्फ वोट कटवा नहीं है। बल्कि वह निर्णायक भूमिका अदा कर सकती है।

बिहार में असदुद्दीन ओवैसी को बार-बार मीडिया द्वारा वोट कटवा कहे जाने के जवाब में उन्होंने कहा कि संविधान ने किसी भी व्यक्ति को कहीं से भी चुनाव लड़ने की आजादी दी है। इसलिए किसी को यह कहने का कोई हक नहीं।

उनकी पार्टी एआईएमआईएम को बीजेपी की बी टीम भी कहा जाता रहा। इस पर ओवैसी का कहना था हमने तो राष्ट्रीय जनता दल के साथ चुनाव लड़ने की बात कही थी, लेकिन महागठबंधन की तरफ से ही कोई जवाब नहीं मिला। जिसके बाद मजबूरन हमें रालोसपा और बसपा के साथ नया गठबंधन बनाना पड़ा।

बिहार में 5 सीटें जीतने के बाद ओवैसी ने कहा था कि हम  बंगाल और उत्तर प्रदेश में भी चुनाव लड़ेंगे।

अगले वर्ष असम और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके बाद साल 2022 में उत्तर प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव होने हैं।

असम और पश्चिम बंगाल में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर वहां के नेताओं में खलबली मच गई है। इसका एक बड़ा कारण यह भी है क्योंकि वहां के दोनों राज्यों में अल्पसंख्यकों का प्रभाव बिहार से ज्यादा है।

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को सभी से चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा चाहे वह बीजेपी हो या कांग्रेस या फिर एआईएमआईएम।

पश्चिम बंगाल के युवा अल्पसंख्यकों के अंदर यह भावना तीव्र हो रही है कि उनका प्रतिनिधित्व करने वाला भी उन्हीं के बीच का हो और इस तरह के नारे भी ओवैसी देते रहे हैं।

ऐसे में लग रहा है कि सबसे ज्यादा फायदा बीजेपी को हो सकता है और सबसे ज्यादा नुकसान तृणमूल कांग्रेस झेल सकती है।

और अगर बात जनसंख्या के मामले में सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की करें तो यहां पर 19 प्रतिशत से ज्यादा मुसलमान रहते हैं। हालांकि यह भी शिया और सुन्नी दो गुटों में बंटे हुए हैं। जिनमें शिया मूल रूप से बीजेपी समर्थक रहे हैं। लेकिन यह अल्पसंख्यकों में भी अल्पसंख्यक हैं।

जबकि सुन्नी का वोट पारंपरिक रूप से कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी को जाता रहा है।

ऐसे में ओवैसी को हल्के में लेना किसी भी पार्टी के लिए भारी पड़ सकता है। (AIMIM) ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन भले ही सत्ता पर काबिज न हो पाए लेकिन किंग मेकर की भूमिका तो अदा कर ही सकती है।

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