BY – FIRE TIMES TEAM
इस कोरोना काल में गरीबों और आश्रितों को सबसे ज्यादा शोषण का शिकार होना पड़ रहा है। ऐसे समय में कानपुर राजकीय बाल संरक्षण गृह (महिला) में 57 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। और हैरत की बात यह है कि इसमें से करीब 7 नाबालिग लड़कियां गर्भवती पायी गईं, इससे प्रशासन सकते में आ गया है।
गुरूवार को कानपुर के राजकीय बालगृह (बालिका) स्वरूप नगर में रहने वाली किशोरियों में कोरोना के लक्षण को देखते हुए 97 लोगों के सैंपल लिए गये थे। जिनमें से 57 लड़कियां कोरोना पॉजिटिव पाई गईं। सभी मरीज कानपुर के हैलेट अस्पताल में भर्ती हैं। 7 नाबालिग गर्भवती किशोरियों में से एक को एड्स तथा एक को हेपेटाइटिस सी की बीमारी पता लगने पर स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया। गर्भवती लड़कियों को जच्चा बच्चा अस्पताल भेज दिया गया, 7 में से 2 गर्भवती लड़कियां का कोरोना टेस्ट निगेटिव आया है।
कानपुर के जिलाधिकारी डा. ब्रह्मदेव राम तिवारी के अनुसार सातों संवासिनी (किशोरियां) शेल्टर होम आने से पहले ही गर्भवती थीं। इन सभी को आगरा, एटा, कन्नौज, फिरोजाबाद व कानपुर के जिलों के बाल कल्याण समिति ( CWC ) ने भेजा था। जिले के एसपी दिनेश कुमार पी. का कहना है कि मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है।
महिला आयोग की सदस्य पूनम कपूर का कहना है कि सीएम योगी ने इस संबंध में संज्ञान लिया है और कानपुर के डीएम से भी बात की है। बालगृह को पूरी तरह सील कर दिया गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस घटना को अमानवीय करार दिया है।
संबंधित अधिकारियों से बालगृह की किशोरियाें के गर्भ के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। ऐसी घटना बाल संरक्षण गृह पर गंभीर सवाल खड़े करती है, खासतौर पर लड़कियों के लिए।
आपको बता दें कि मुजरफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में जनवरी 2020 में करीब 19 लोगों को कोर्ट ने सजा दी है। पिछले वर्षों में बालगृह के बच्चों के शोषण की खबरें यूपी के मेरठ और लखनऊ से भी आ चुकी हैं।