नई विकास की रणनीति, मांस पर बैन शराब से राजस्व की पूर्ति

BY- FIRE TIMES TEAM

हिंदू धर्म के समर्थक लगातार नवरात्र में मीट और मांस की दुकानें बंद करा रहे हैं उनका कहना है कि नवरात्र के महीने में मांस और मदिरा नहीं चलेगी लेकिन ताज्जुब की बात है कि नवरात्र के इस सप्ताह में मांस की दुकाने तो बंद करा दी गयी जबकि मदिरा सस्ती कर दी गयी है।

आबकारी विभाग का मानना है कि इससे देसी शराब की बिक्री में वृद्धि होगी और राजस्व बढ़ेगा। वित्तीय वर्ष 2022—23 के लिए घोषित आबकारी नीति में देसी शराब की कीमतें कम हुई हैं।

नए वित्तीय वर्ष 2022—23 की नई आबकारी नीति के अनुसार 36 फीसदी एल्कोहल वाली देसी शराब का 200 मिली लीटर का पौवा अब 65 रुपये में मिल रहा है। पहले इसके दाम 70 रुपये थे।

पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों के बीच शराब के शौकीनों के लिए राहत की बात है। मेरठ सहित प्रदेश में देशी शराब के दामों में भारी कमी की गई है। आबकारी विभाग ने देशी शराब के दामों में पांच रुपये से लेकर दस रुपये तक की कमी की है। देशी शराब की इन दुकानों पर अब देशी शराब के दामों में भारी कमी कर दी गई है।

देसी शराब पीने के शौकीनों के लिए यह खबर खुशी देने वाली है। नए वित्तीय वर्ष 2022—23 में देसी शराब की कीमतें कम कर दी गई हैं। देसी शराब के ब्रांडों में प्रति पौवा पांच रुपये से लेकर दस रुपये तक की कमी की गई है।

वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि सरकार सिर्फ दक्षिणपंथी नीतिका ऐसा कर रही है क्योंकि सरकार को पता है कि मीट और मांस की दुकान से अधिकतर मुस्लिम का व्यवसाय जुड़ा हुआ उसके कारण उसे अवैध तरीके से दक्षिणपंथी समर्थकों द्वारा बंद कराई जाती है।

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