BY – FIRE TIMES TEAM
लगातार दूसरी बार हरिवंश नारायण सिंह राज्यसभा के उपसभापति चुन लिये गये। राज्यसभा उपसभापति पद के लिए राजग के उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह का मुकाबला विपक्ष के उम्मीदवार एवं आरजेडी नेता मनोज झा से था।
बीजेपी नेता जगत प्रकाश नड्डा ने जेडीयू नेता एवं पूर्व पत्रकार हरिवंश नारायण को उपसभापति बनाने का प्रस्ताव पेश किया वहीं विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने 53 वर्षीय पूर्व शिक्षाविद मनोज झा को विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया।
राज्यसभा के चेयरमैन एवं उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि हरिवंश नारायण सिंह को डिप्टी चेयरमैन (उपसभापति) चुना गया है। उन्हें ध्वनि मत से चुना गया है।
इस मुकाबले को बिहार की राजनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि दोनों ही बिहार से राज्यसभा सांसद हैं। और बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गईं हैं।
कौन हैं हरिवंश नारायण सिंह ?
30 जून, 1956 को बलिया, उत्तर प्रदेश के सिताबदियारा गांव में जन्में हरिवंश जेपी आंदोलन से खासे प्रभावित रहे हैं।उन्होंने बीएचयू से अर्थशास्त्र में एमए और पत्रकारिता की पढ़ाई के बाद अपने पत्रकारिता करियर की शुरूआत टाइम्स समूह से 1977-78 में की थी।
हरिवंश नारायण आनंद बाजार पत्रिका जिसे अब एबीपी न्यूज के नाम से भी जानते हैं, इस पत्रिका के साप्ताहिक अंक के सहायक संपादक के रूप में भी काम किया। इस दौरान उन्होंने बिहार के गंभीर मुद्दों को उठाया।
हरिवंश नारायण 1990-91 के दौरान कुछ महीने पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर के अतिरिक्त सूचना सलाहकार (संयुक्त सचिव) भी रहे। करीब ढाई दशक तक प्रभात खबर का संपादन करने के बाद बिहार की राजनीति में आ गये। उन्हें जेडीयू का महासचिव बना दिया गया।
और साल 2014 में जेडीयू ने हरिवंश को राज्यसभा के लिए नामांकित किया। इस तरह वे पहली बार संसद पहुंचे। हरिवंश को बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार का बेहद करीबी माना जाता है।
इन्होंने कई पुस्तकें लिखीं और संपादित भी कीं हैं। जिनमें दिसुम मुक्तगाथा, सृजन के सपने, जोहार झारखंड, झारखंड अस्मिता के आयाम, झारखंड सुशासन अभी भी संभावना है, बिहार रास्ते की तलाश शामिल हैं।