BY- FIRE TIMES TEAM
2017 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने दीपक गुप्ता ने अपने रिटायरमेंट के दिन देश के लीगल सिस्टम पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। उन्होंने न्याय को गरीबी और अमीरी के बीच रखकर अपनी बात कही।
उच्चतम न्यायालय के जज दीपक गुप्ता बुधवार को रिटायर्ड हो गए। लॉकडाउन के कारण उन्होंने अपना फेयरवेल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिया।
उन्होंने न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि “लीगल सिस्टम अमीरों और ताकतवरों के पक्ष में हो गया है। जज आस्ट्रिच की तरह अपना सिर नहीं छुपा सकते, उन्हें ज्यूडिशियरी की दिक्कतें समझकर इनसे निपटना चाहिए।”
उन्होंने कहा जब अमीर जमानत पर बाहर होता है तो मुकदमें में देरी होती है और जब सलाखों के पीछे तो कानून अपना काम तेजी से करता है। लेकिन गरीबों के मुकदमें में देरी होती है। अमीर लोग तो जल्द सुनवाई के लिए उच्च अदालतों में पहुंच जाते हैं लेकिन गरीब ऐसा नहीं कर पाते।
यह भी पढ़ें: मी लॉर्ड सवर्ण आरक्षण पर चुप्पी; ओबीसी, SC, ST आरक्षण पर पेट में मरोड़ आखिर क्यों?
उन्होंने कहा न्यायपालिका को खुद ही अपना ईमान बचाना चाहिए। संकट के समय खासकर अभी जो संकट है उसमें मेरे और आपके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं होगा लेकिन गरीबों के साथ हमेशा ऐसा होता है।