BY- FIRE TIMES TEAM
महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं के साथ उनके एक ड्राइवर की भीड़ द्वारा हत्या कर गई। इसको लेकर देश भर में लोगों ने प्रतिक्रिया दी। कुछ लोगों ने इसे हिन्दू-मुस्लिम बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
यह घटना 16 अप्रैल की रात की थी। इंडियन एक्सप्रेस के अलावा एनडीटीवी ने भी इस खबर को प्रकाशित किया था। घटना का असर इसके एक वीडियो के वायरल होने के बाद ज्यादा हुआ।
लोगों ने साम्प्रदायिक माहौल खराब करने की पूरी कोशिश की। जबकि महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बताया कि हिंसा में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री की सफाई के बावजूद बहुत सारे लोग इस घटना को हिंदू-मुस्लिम करते रहे। इसमें बीजेपी के कुछ नेताओं समेत कलाकार भी शामिल थे।
इस घटना को लेकर अभी भी लोग मुस्लिम समुदाय को ही दोषी ठहरा रहे हैं। जबकि महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने भी सफाई दी दी है।
गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि पालघर में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में जिन 101 लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें एक भी मुस्लिम नहीं है।
उन्होंने विपक्ष पर यह आरोप भी लगाया कि उसने घटना को सांप्रदायिक रंग दने का काम किया है।
देशमुख ने कहा कुछ लोग मुंगेरी लाल के सपने देख रहे हैं। यह राजनीति करने का समय नहीं बल्कि एक साथ मिलकर कोरोना वायरस से लड़ने का समय है।
इस घटना को धब्बा बताते हुए राज्य के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।
उधर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पालघर की घटना को लेकर महाराष्ट्र के पुलिस प्रमुख को एक नोटिस भेजा है। आयोग ने अपने बयान में कहा कि उसने राज्य सरकार से चार हफ्ते में विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
आयोग ने घटना को लेकर जनसेवकों की लापरवाही की भी बात की।