BY- FIRE TIMES HINDI
प्रेस की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर कुछ पत्रकार देश में साम्प्रदायिक माहौल तैयार करने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। इससे एक तरफ उनको टीआरपी मिल जाती है दूसरी तरफ राज्य सभा का टिकट भी।
अभी हाल ही में आपने अर्णब गोस्वामी द्वारा जिस प्रकार से सोनिया गांधी पर हमला किया गया वह अपने आप में टीवी डिबेट के स्तर को बयान कर रहा था।
सोनिया गांधी को लेकर की गई टिप्पणी के बाद देश भर में विरोध शुरू हो गया। कई राज्यों में अर्णब के ऊपर एफआईआर हुई। इनकी संख्या 100 से ज्यादा हो गई।
फिर अचानक अर्णब पर हमले की खबर आई जो उन्होंने स्वयं एक वीडियो के माध्यम से साझा किया। इसको लेकर उन्होंने भी एफआईआर की जिसमें कांग्रेस को लेकर वह बार-बार जिक्र करते रहे।
हमले की कई पत्रकारों ने आलोचना की और घटिया पत्रकारिता के लिए हिंसा को जायज ठहराने वालों को आड़े हांथों लिया।
इन सब के बीच अर्णब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। कोर्ट ने तीन हफ्ते की महोलत देते हुए अग्रिम जमानत की भी बात कह दी।
साफ है कोर्ट ने अर्णब को एक बड़ी राहत दी। इससे पत्रकार की काफी मुश्किलें कम हो जाएंगी। जेल जाने से शायद वह बच भी जाएं।
इस बीच अब महाराष्ट्र सरकार ने यह फैसला लिया है कि वह रिपब्लिक न्यूज़ चैनल के संपादक अर्णब गोस्वामी को विशेष सुरक्षा देने का फैसला लिया है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार ने पत्रकार पर हुए हमले के मद्देनजर लिया है।
दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने भी एक अन्य मामले में महाराष्ट्र सरकार को पत्रकार अर्णब और रिपब्लिक टीवी को सुरक्षा देने का निर्देश दिया गया है।