गुजरात में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और ओडिशा के भूखे मजदूरों से वसूल लिया गया किराया


BY- FIRE TIMES TEAM


कोरोना संकट के बीच कई राज्यों में भूखे मजदूरों की आने वाली नई-नई कहानियां झकझोर रही हैं। लाखो मजदूर अभी भी दूसरे राज्यों में फंसे हैं।

इन मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए सरकार ने ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। कुछ ट्रेनों से इनको पहुंचाया भी गया है जैसे तेलंगाना से झारखण्ड, महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश। लेकिन इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह उभर कर आया है कि इन मजदूरों से किराया क्यों लिया गया है?

पहले सरकार ने कहा कि मजदूरों से पैसा नहीं लिया जाएगा फिर जब मध्य प्रदेश के भोपाल में इनसे किराया वसूला गया तो सरकार ने सफाई दी।

अब ऐसा ही मामला गुजरात से आया है जहाँ भूखे मजदूरों से पैसा वसूल लिया गया है। जबकि बीजेपी कह रही है कि उसने मजदूरों के किराए का 85% खुद दिया है।

अहमदाबाद मिरर ने अपनी स्टोरी में इसका खुलासा किया है कि जो बीजेपी बोल रही है वैसा नहीं और गुजरात में तो बिल्कुल नहीं। इस न्यूज़ प्लेटफॉर्म ने एक वीडियो भी बनाया है जिसमें करीब 20 मजदूर यह बता रहे हैं कि उन्होंने किराए के रुपये स्वयं दिए हैं।

ये सभी मजदूर उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओड़ीसा व  छत्तीसगढ़ से गुजरात में काम करने आये थे। इन मजदूरों ने बताया कि छत्तीसगढ़ और झारखंड को छोड़ के अन्य जगह पर जाने के लिए उनसे रुपए वसूले गए हैं।

आपको बता दूं मजदूरों के किराए का मुद्दा बढ़ने पर सोनिया गांधी ने कहा था इसका पैसा उनकी पार्टी देगी। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी बैकफुट पर आ गई थी।

उसने बहुत जल्द घोषणा करते हुए बताया कि किराए का 85% भारतीय रेलवे वहन करेगी और 15% उन राज्यों से लिया जाएगा जहाँ के मजदूर हैं। लेकिन जब अहमदनगर मिरर ने मजदूरों से बात किया तो बीजेपी का झूठ सामने आ गया।

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के रहने वाले मोहनलाल ने बताया कि उनको छह हफ्ते से सैलरी नहीं मिली है और उन्होंने अहमदाबाद से पैसे देकर टिकट ख़रीद। उन्होंने बताया कि कुछ थोड़ी बहुत राहत की गई है।

मोहनलाल ने बताया कि उन्होंने पैसे एक बंदे से उधार लिया है और उसे उत्तर प्रदेश जाकर ब्याज सहित वापस करने की बात कही है।

बिहार के रहने वाले विजय कुमार ने बताया कि उन्हीने नीतीश कुमार को एक राजा समझ कर वोट दिया था लेकिन उन्होंने हमसे किराए के पैसे वसूल लिए।

 

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