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साइबेरिया के जंगलों की सबसे अकेली महिला, 100 मील के दायरे में नहीं रहता है कोई इंसान

BY – FIRE TIMES TEAM

दोस्तों अगर आपसे यह कहा जाए कि आपको एक दिन के लिए किसी जंगल में अकेले रहना है। वो भी ऐसी जगह जहां करीब 150 किलोमीटर के दायरे में जंगली जानवरों के सिवाय कोई और इंसान न रहता हो, तो आपकी क्या हालत होगी ?

एक ऐसी ही रूस के साइबेरिया इलाके में 76 वर्षीय अगाफाया लाइकोवा नाम की महिला रहती हैं, उन्हें दुनिया की सबसे अकेली औरत होने का खिताब हासिल है। अगाफाया साइबेरिया के एक ऐसे इलाके में रहती हैं जहां से 100 मील के दायरे में कोई और इंसान नहीं रहता है।

अब अगाफाया की मदद के लिए रूस के बिलेनियर टाइकून ओलेगा देरीपास्का (Russian aluminium tycoon Oleg Deripaska) आगे आए हैं। अगाफाया का परिवार साल 1936 में स्टालिन से डरकर साइबेरिया के जंगलों में रहने चला गया था और तभी से वे वहां रह रहीं हैं, और अब अकेले ही बची हैं।

डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक ओलेगा ने ऐलान किया है कि वे अगाफाया के लिए एक आलीशान घर बनावाएंगे। इससे पहले ओलेगा ने अगाफाया को शहर आने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने इस उम्र में अपने घर को छोड़ने से साफ़ इनकार कर दिया था।

अब सेनिक माउंटसाइड के 150 मील दूर स्थिति अगाफाया के घर को ही ओलेगा आधुनिक सुविधाओं से लैस कराने जा जा रहे हैं। अगाफाया आज भी अपने किये खुद ही सब्जियां और अनाज उगाती हैं और एक बाइबल के सहारे जिंदगी गुजार रही हैं।

बता दें कि स्टालिन के राज के धार्मिक नरसंहार से डरकर रूस के हजारों परिवार साइबेरिया के जंगलों में रहने चले गए थे। हालांकि भीषण सर्दी के चलते काफी कम लोग ही बच पाए और बाद में शासन बदलने के बाद शहरों को लौट गए।

अगाफाया भी इसी दौरान साइबेरिया के जंगलों में ही पैदा हुई थीं। अगाफाया दुनिया से एकदम कटी हुई हैं और उन्हें द्वितीय विश्व युद्ध और रूस के पहले मून मिशन के बाद की कोई जानकारी नहीं है। अगाफाया जहां रहती हैं वहां सर्दियों में तापमान -50 डिग्री सेंटीग्रेट तक चला जाता है।

 

 

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