प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि उनकी सरकार बनने पर भ्रष्टाचार जड़ से खत्म हो जाएगा। लेकिन दोबारा सरकार बनने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
अब उनकी ही सरकार के लोग भ्रस्टाचार में लिप्त पाए जा रहे हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के मेरठ से सामने आया है। यहां एक बीजेपी नेता के प्रिंटिंग प्रेस में एनसीईआरटी की नकली किताबें धड़ल्ले से छापी जा रही थीं।
मेरठ पुलिस और एसटीएफ ने सयुंक्त छापेमारी में करीब 35 करोड़ रुपये के मूल्य की किताबें बरामद की हैं। छापेमारी के दौरान 6 प्रिंटिंग प्रेस भी मिली हैं जिनको पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
यह सब मेरठ के परतारपुर इलाके की एक गोदाम में किया जाता था। यह फर्जी किताबें उत्तर प्रदेश के बाहर भी कई राज्यों में भेजी जाती थीं। जिनमें उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब भी शामिल हैं।
इस फर्जीवाड़े का खुलासा एक आर्मी स्कूल ने किया है। दरअसल जब यह फर्जी किताबें उस आर्मी स्कूल पहुंची तो वहां के मैनेजमेंट को कुछ शक हुआ। जिसके बाद स्कूल ने अपने स्तर से इसकी जांच कराई।
जांच में पता चला कि यह किताबें अवैध तरीके से मेरठ में छापी जा रही हैं। स्कूल ने एसटीएफ को सूचित कर पूरी जानकारी दी। एसटीएफ ने शुक्रवार को छापेमारी करके पूरा खुलासा कर दिया।
एसटीएफ ने दो दर्जन से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है। हालांकि प्रिटिंग प्रेस का मालिक जो कि बीजेपी नेता है वह बचकर निकल गया। कई लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ भी दिया गया है।
बीजेपी नेता जो प्रिंटिंग प्रेस का मालिक है वह छापेमारी के दौरान वहां मौजूद था। और जब छापेमारी की गई तब काम भी चल रहा था। लेकिन वह पकड़ में नहीं आया है।
बीजेपी का झंडा लगा होने के कारण पुलिस ने भी कार को रोकने की हिम्मत नहीं दिखाई। यह प्रिटिंग प्रेस थाना परतापुर के गगोल के काशी गांव में चल रहा था।