BY- FIRE TIMES TEAM
एक तरफ हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं तो वही दूसरी तरफ देश में ऐसे आयोजन भी हो रहे हैं जहां एकसाथ काफी भीड़ इकट्ठा होती है जैसे बिहार चुनाव में रैलियां और अब कुंभ मेला।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को कहा कि कुंभ मेला अपने “दिव्य रूप” में 2021 में हरिद्वार में COVID-19 महामारी से उत्पन्न व्यावहारिक समस्याओं के बावजूद आयोजित किया जाएगा।
14 जनवरी से शुरू होने वाले 2021 कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर रविवार को रावत अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (ABAP) के पदाधिकारियों के साथ बैठक में शामिल हुए।
रावत ने कहा, “कुंभ मेले की सीमा उस समय COVID-19 की स्थिति पर निर्भर करेगी। ABAP और धार्मिक बिरादरी के सुझावों को भी निर्णयों में लिया जाएगा, जो मौजूदा स्थिति के अनुसार लिया जाएगा। प्रयास राज्य सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होगा कि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।”
रावत ने कहा, “कुंभ मेला कार्यों को समय-समय पर समीक्षा की जा रही है। विभागीय सचिवों को लगातार प्रगति के तहत कामों की निगरानी करने के लिए निर्देशित किया गया है। मुख्य सचिव को 15 दिनों में स्थिति की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया गया है।”
कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत ने कहा, “अधिकांश कार्य 15 दिसंबर तक पूरे हो जाएंगे। कुंभ मेले के लिए बनाए जा रहे नौ नए एस (नदी तट), आठ पुलों और सड़कों पर काम पूरा होने वाला है। स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया गया है। पेयजल सुविधा, पार्किंग सुविधा और अतिक्रमण हटाने पर भी लगातार काम किया जा रहा है।”
मुख्यमंत्री कार्यालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कुंभ मेले के दौरान श्रद्धालुओं को कोई समस्या न हो इसके लिए सुनियोजित व्यवस्था की जाएगी।
ABAP प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि ने सरकार को आश्वासन दिया कि कुंभ मेले के सफल आयोजन के लिए निकाय राज्य सरकार के साथ पूरा सहयोग करेंगे।
कौशिक ने कहा कि कुंभ मेला 2021 के दौरान प्रतिदिन 35 से 50 लाख लोगों को पवित्र गंगा स्नान करने की उम्मीद है।
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