BY- FIRE TIMES TEAM
बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडे ने मंगलवार को सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है। अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाला आगामी राज्य विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
राज्य के गृह विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार पांडे के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मांग को राज्यपाल फागू चौहान ने मंजूरी दे दी है।
जितेंद्र कुमार ने बताया कि महानिदेशक (होमगार्ड्स) एसके सिंघल को डीजीपी, एडीजी (मुख्यालय) का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
पांडे 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं जो मुंबई में सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की जांच में शामिल थे।
वह हाल ही में बिहार की नीतीश सरकार को बचाने के लिए सुर्खियों में थे जब शुशांत की मौत की बिहार पुलिस द्वारा जांच की जा रही थी और महाराष्ट्र में शिवसेना सरकार द्वारा बिहार सरकार पर हमला किया जा रहा था।
अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती पर की गई एक टिप्पणी को लेकर भी वे विवाद में आ गए थे।
गुप्तेश्वर पांडे ने कहा था कि रिया चक्रवर्ती की इतनी ‘औक़ात’ नहीं है को वो नीतीश कुमार पर टिप्पणी कर सके।
बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है।
इससे पहले भी पांडे ने 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए समय से पहले सेवानिवृत्ति ले ली थी, लेकिन बाद में राज्य सरकार ने उनके वीआरएस आवेदन को स्वीकार नहीं किया और उन्हें सेवा में बहाल कर दिया था।
2009 के लोकसभा चुनाव में उन्हें बक्सर से चुनाव टिकट नहीं मिला था इसलिए उन्होंने अपना वीआरएस का आवेदन वापस ले लिया था और उस समय नीतीश सरकार ने उन्हें दोबारा उनकी नौकरी पर बहाल कर दिया था।
सीबीआई ने 2014 में गुप्तेश्वर पांडे और बिहार पुलिस के दो अन्य कर्मियों के खिलाफ नवरुणा अपहरण मामले में जांच की थी।
साल 2012 में मुजफ्फरपुर में 12 साल की लड़की जो 8वीं कक्षा में पढ़ती थी उसे उसके घर के पास से अगवा कर लिया गया था। तब पांडे मुज़फ़्फ़रपुर के आईजी थे।
पांडे के बिहार डीजीपी बनने के बाद नवरुणा के पिता अतुल्य चक्रवर्ती ने कहा था, ”मैंने अपनी बेटी के अपहरण के मामले में गुप्तेश्वर पांडे को अभियुक्त बनाया था और अब वो बिहार के डीजीपी बन गए हैं। अब हमारे लिए कोई उम्मीद नहीं बची है।”
नवरुणा का अपहरण होने के एक महीने बाद उसका कंकाल घर के पास नाले में मिला था जिसकी पुष्टि डीएनए जांच में हुई थी।
सीबीआई के पास बीते पांच साल से यह मामला है लेकिन अभी तक जांच पूरी नहीं हो आए है और न ही केस बंद हुआ है।
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गुप्तेश्वर पांडेय डीजीपी पद से इस्तीफा देने के बाद चुनाव लड़ने वाले बिहार के पहले अधिकारी होंगे। डीजीपी रहते हुए उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सबसे करीबी अधिकारी माना जाता है।
पांडेय 31 जनवरी 2019 को बिहार के डीजीपी बने थे। उनका कार्यकाल 28 फरवरी 2021 तक था। हाल ही में वह सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद अपने बयानों के कारण चर्चा में आ गये थे। उन्होंने रिया चक्रवर्ती की औकात पर बयान दिया था, जिस पर बाद में सफाई भी उन्हें देनी पड़ी थी।