आईपीएल-2020 का 9वां मैच राजस्थान रॉयल्स और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच खेला गया। इस मैच की यादों को पंजाब बहुत जल्द भुलाना चाहेगी लेकिन इतनी जल्दी यह संभव नहीं।
राजस्थान को 224 रनों का एक विशाल लक्ष्य मिला था। पंजाब की जीत सुनिश्चित लग रही थी। लोग बस मयंक के शतक के चर्चे कर रहे थे। लेकिन मैच में कभी भी कुछ भी हो सकता है। और यह इस मैच में भी हुआ जब एक ओवर में राहुल तेवतिया ने 5 छक्के जड़ दिए।
आखरी के 5 ओवर में राजस्थान को जीत के लिए 84 रन चाहिए थे जो कि एक बहुत बड़ा स्कोर था। सभी को नामुमकिन लग रहा था। इस समय संजू सैमसन 64 रन बनाकर खेल रहे थे और सभी को उन्हीं से कुछ चमत्कार की आश लग रही थी।
85 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर जब संजू सैमसन मोहम्मद शमी की गेंद पर केएल राहुल के हाथों कैच हुए तब सभी ने यह उम्मीद छोड़ दी थी कि राजस्थान जीत पाएगी।
रॉबिन के क्रीच पर आने से भले कुछ उम्मीद थी लेकिन राहुल तेवतिया द्वारा 23 गेंदों पर मात्र 17 रन बनाना लोगों को नहीं भा रहा था। उथप्पा ने आते ही 3 गेंदों पर 2 चौके की मदद से 9 रन बनाए लेकिन यह काफी नहीं था मैच को जीतने के लिए।
राजस्थान को आखरी के 3 ओवर में 51 रन चाहिए थे। यह तभी संभव लग रहा था जब कोई धोनी जैसा प्लेयर क्रीच पर होता लेकिन यहां राहुल तेवतिया थे जो कि 19 गेंदें खेलकर सिर्फ 8 रन बनाए थे।
राहुल तेवतिया से किसी को उम्मीद नहीं लग रही थी। लेकिन आखरी में तेवतिया ने ही मैच को पलट दिया। शेल्डन कॉटरेल के एक ओवर में 5 छक्के मारकर तेवतिया ने एक तरह से मैच को राजस्थान की झोली में डालने का काम किया।
इस तरह की पारी कभी-कभी ही देखने को मिलती है और आज देखने को मिल ही गई। तेवतिया के बाद आर्चर ने दो छक्के मारकर पंजाब को एक तरह से जैसे पवेलियन भेज दिया था।
मैच के हाइलाइट्स:
1. मयंक अग्रवाल की शतकीय पारी। मयंक ने 50 बालों पर 106 रन की एक बेहतरीन पारी खेली। इसमें 10 चौके और 7 छक्के शामिल हैं।
2. राहुल की तेज पारी।
3. संजू सैमसन की मैच बदलने वाली पारी। सैमसन ने 42 गेंदों पर 85 रन की धुँवाधार पारी खेली। इसमें 7 छक्के और 4 चौके शामिल हैं।
4. स्टीव स्मिथ की अर्द्ध शतकीय पारी। स्मिथ ने 27 बालों पर 50 रन बनाए जिसमें 7 चौके और 2 छक्के शामिल हैं।
5. तेवतिया की धुवांधर 7 छक्कों की पारी।
जैसा मैच देखने को मिला वह कभी-कभी ही होता है। लेकिन जब कोई खेलता है तो शायद कोई भी ऐसी अविश्वसनीय पारी नहीं खेलता जिसे आज आपने देखा। राहुल के साथ जैसा आज हुआ वैसा किसी के साथ हो सकता है। राहुल का जो लोग मजाक बना रहे थे बाद में वही लीग तारीफ करने लगे।
लोग उसका मजाक उड़ा रहे थे, उसे घटनास्थल से दूर जाने के लिए कह रहे थे। हालांकि टीम ने उसका समर्थन किया, उन्होंने उसे खींचने की कोशिश नहीं की। एक महत्वपूर्ण समय में 200 रनों से ज्यादा का पीछे करते हुए 19 गेंदों में सिर्फ 8 रन बनाकर कोई कैसा महसूस कर रहा होगा?
वह दुनिया के सभी संभावित नकारात्मक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए दिमाग को छोड़ देने की कगार पर रहा होगा। लेकिन उसने अपना सिर ऊँचा रखा और अचानक एक स्पिनर के ऊपर रस्सी से एक प्रहार किया और फिर उसने छः में से पाँच छक्के मारे।
राहुल तेवतिया ने आत्म विश्वास के अर्थ को फिर से परिभाषित किया है। जमीन पर खड़े और 10 मिनट के अंतराल में दुनिया के शीर्ष पर पहुंचने के लिए जो कुछ राहुल ने किया वह अविश्वसनीय है।