चीन अपनी साम्राज्यवादी नीतियों के कारण दुनिया के कई देशों की आलोचना झेलता रहा है। अभी भी वह अपनी उसी नीति के अनुसार चल रहा है। अब वह दुनिया में सबसे बड़ी महाशक्ति बनने के लिए प्रयास कर रहा है। इसके लिए वह अमेरिका विरोधी एक गुट तैयार कर रहा है।
एशिया में भारत ऐसा देश है जो चीन को कड़ी चुनौती दे रहा है। शायद यही कारण है कि वह समय-समय पर भारत के खिलाफ कई साजिशें रचता रहा है। अभी कुछ दिन पहले ही भारत के 20 जवान चीनी सेना से झड़प के बाद शहीद हो गए थे। उस समय मोदी सरकार पर काफी दबाव था लेकिन प्रधानमंत्री ने चीन के खिलाफ कुछ भी नहीं बोला।
अब एक बार फिर यह खबर आई है कि चीन की सेना भारत की सीमा के पास आ गई है। हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर के अनुसार वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा कि लिपुलेख दर्रा, उत्तरी सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में पीपल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों का जमावड़ा हो गया है।
सेना के जवान ने करीब 1000 चीनी सैनिकों के होने की बात कही। सैन्य अफसर के अनुसार वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास गतिविधियां बढ़ी हैं। चीन लद्दाख के अलावा दूसरी जगह भी अपने सैनिक जमा कर रहा है और साथ ही वह ढांचागत सुविधाएं भी विकसित कर रहा है।
आपको बता दूं लिपुलेख दर्रे के पास भारत मानसरोवर यात्रा के लिए 80 किलोमीटर की एक सड़क बना रहा है। इस सड़क को लेकर नेपाल ने आपत्ति जताई और कहा कि जहां भारत निर्माण कार्य कर रहा है, वह क्षेत्र उसका है। दूसरी ओर भारत ने कहा कि उसने नेपाल के क्षेत्र में कोई सड़क नहीं बनाई है। जो सड़क बनाई है वह भारत के क्षेत्र में ही आती है।
विवाद बढ़ने के बाद नेपाल ने अपनी संसद से एक नए नक्शे को ही पास करा दिया जिसमें लिपुलेख, कालापानी, लिम्पियाधुरा जैसे भारत के क्षेत्र शामिल थे।