श्रीनगर के ईदगाह इलाके में गुरुवार को आतंकवादियों द्वारा सरकारी स्कूल के शिक्षक और उसके प्रधानाध्यापक की हत्या कर दी। इस घटना ने परिवार और स्कूल के कर्मचारियों को सदमे में डाल दिया।
इस घटना के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। विपक्ष ने धारा 370 और मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ नीतियों को आधारहीन बताते हुए हमला किया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट करके मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा,
कश्मीर में हिंसा की घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं। आतंकवाद ना तो नोटबंदी से रुका ना धारा 370 हटाने से- केंद्र सरकार सुरक्षा देने में पूरी तरह असफ़ल रही है। हमारे कश्मीरी भाई-बहनों पर हो रहे इन हमलों की हम कड़ी निंदा करते हैं व मृतकों के परिवारों को शोक संवेदनाएँ भेजते हैं।
कश्मीर में हिंसा की घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं। आतंकवाद ना तो नोटबंदी से रुका ना धारा 370 हटाने से- केंद्र सरकार सुरक्षा देने में पूरी तरह असफ़ल रही है।
हमारे कश्मीरी भाई-बहनों पर हो रहे इन हमलों की हम कड़ी निंदा करते हैं व मृतकों के परिवारों को शोक संवेदनाएँ भेजते हैं।#Kashmir
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 7, 2021
कश्मीर हमले में एक शिक्षिका ने दावा किया कि उसने गोलियों की आवाज सुनी। उन्होंने कहा यह हमारे जीवन का सबसे दर्दनाक क्षण था।
चश्मदीदों ने दावा किया कि कम से कम दो से तीन आतंकवादी स्कूल परिसर में घुस गए और मौके से भागने से पहले प्रिंसिपल और टीचर पर पॉइंट ब्लैंक रेंज से गोलियां चलाईं।
इस घटना की जेके एम्प्लॉइज ज्वाइंट एक्शन कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद रफीक राथर ने भी निंदा की, जो खुद लेक्चरर हैं।
उन्होंने कहा, “ये निर्दोष हत्याएं हमें हिंसा के दुष्चक्र की दुखद वास्तविकता की याद दिलाती हैं जो हमारे समाज को अंधकार की ओर धकेल रहा है।”
चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज जम्मू के अध्यक्ष अरुण गुप्ता ने कहा कि आतंकवादियों द्वारा कश्मीरी पंडितों और सिखों सहित अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों में भय की भावना पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है।