BY – FIRE TIMES TEAM
देश के किसी भी चुनाव में पैसा और शराब पानी की तरह बहता है। हालांकि बिहार में नीतीश सरकार ने पूर्ण शराब बंदी कर रखी है। लेकिन फिर भी लोगों को अवैध तरीके से उपलब्ध हो रही है। और इस समय तो चुनावी मौसम है, ऐसे में शराब की मांग बढ़ ही जाती है।
इस अवैध शराब की आपूर्ति उत्तर प्रदेश के सटे जिलों से हो रही है। सीमावर्ती जिलों से शराब बनाकर और तस्करी के माध्यम से बिहार में अवैध तरीके से बेची जा रही है।
अगर विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस समय शराब की खपत ज्यादा होने के कारण ज्यादातर शराब हरियाणा से आता है। जो उत्तर प्रदेश के जिलों से होते हुए बिहार की सीमा में अवैध तरीके से पहुंचता है।
केन्द्रीय चुनाव आयोग ने बिहार में हो रहे विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों से शराब लाकर मतदाताओं को रिझाए जाने की बढ़ती शिकायतों पर नाराजगी जताई है।
आयोग की नाराजगी के बाद इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने बिहार से सटे सीमावर्ती जिलों में अवैध तरीके से शराब बनाने और तस्करी करने वाले तत्वों की कड़ी निगरानी करने के निर्देश दिए हैं।
सोमवार को जारी एक शासनादेश के जरिए मुख्य सचिव ने बिहार से सटे जिलों के जिलाधिकारियों के साथ ही हरियाणा से लगे जिलों के डीएम को भी निर्देश दिए हैं।
इसमें कहा गया है कि चुनाव आयोग ने बिहार में पकड़ी जाने वाली अवैध शराब की जिम्मेदारी तय करते हुए कड़ी नाराजगी जताई है। आयोग के संज्ञान में लाया गया है कि बिहार में यूपी के रास्ते हरियाणा से तस्करी कर बड़े पैमाने पर शराब लायी जा रही है।
आयोग के निर्देश पर ऐसे कई मामले पकड़े भी गये हैं। मुख्य सचिव ने सहारनपुर, शामली, बागपत, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़ और मथुरा जिलों को चिन्हित करते हुए कहा है कि ये वह जिले हैं, जहां से बिहार को हरियाणा में बनी अवैध शराब पहुंचाने की सबसे अधिक आशंका है।
उन्होंने सोनभद्र, चंदौली, गाजीपुर, बलिया, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज जिलों की बिहार से लगी सीमा से भी शराब की तस्करी होने की सम्भावना जताई है। उन्होंने इन सभी जिलों के डीएम को समुचित चौकसी बरतने का निर्देश दिया है।