BY – FIRE TIMES TEAM
मैनेजमेंट जगत के जाने-पहचाने नाम अरिंदम चौधरी से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लानिंग एण्ड मैनेजमेंट ( IIPM ) के निदेशक अरिंदम चौधरी को 23 करोड़ के कर चोरी मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है।
यह गिरफ्तारी यूजीसी की शिकायत पर की गई है। यह गिरफ्तारी फाईनेंस एक्ट 89 के तहत दिल्ली में सेन्ट्रल गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स ( CGST ) के साउथ दिल्ली कमिश्नरेट की तरफ से की गई। इन पर सर्विस टैक्स नहीं देने का आरोप है।
यह पहली बार नहीं है जब अरिंदम चौधरी को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले इसी साल मार्च 2020 में एक जाली मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
लेकिन बाद में उन्हें इस केस में जमानत मिल गई थी। साल 2015 में, दिल्ली पुलिस ने यूजीसी की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की थी। इस शिकायत में कहा गया था कि संस्थान के द्वारा छात्रों को धोखा दिया जा रहा है, भ्रमित किया जा रहा है। क्योंकि किसी नियामक संस्था ने इस संस्थान को मान्यता प्रदान नहीं की है।
चौधरी पर संस्थान की बैलेंसशीट में हेराफेरी करने का भी आरोप है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के ड्यूटी मजिस्ट्रेट ज्योति माहेश्वरी ने अरिंदम चौधरी और उनके साथी एक और निदेशक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
दरअसल सर्विस टैक्स का भुगतान करने के लिए नकदी की कमी का सामना करने के बाद संस्थान के निदेशक ने करीब 23 करोड़ के सेनवैट की क्रेडिट एंट्री की। इस राशि को अगले वर्ष के बैलेंस शीट में भी दिखाया, लेकिन इसका कभी भुगतान नहीं किया गया।
आपको बता दें कि चौधरी के पास कंपनी के 90 प्रतिशत शेयर हैं, बाकी के उनकी पत्नी के नाम हैं। वर्ष 2018 में एक अप्रत्यक्ष कर ट्रिब्यूनल ने IIPM के खिलाफ सर्विस टैक्स की मांग को यह कहते हुए सही ठहराया था कि संस्थान द्वारा कर की मांग के आधार पर शैक्षणिक पाठ्यक्रमों को बाहर करने की कोई गुंजाइश नहीं है।