दहेज के लालच में कितनी महिलाओं की ज़िंदगी आखिर होगी खराब?

BY- FIRE TIMES TEAM

शादी का बंधन जिसे भारतीय समाज में सात जन्मों का बंधन माना जाता है उसे कुछ दहेज के लालची लोगों ने आज के समय में काफी बदनाम कर दिया है।

खबर उत्तर प्रदेश के जिले रायबरेली के एक गांव जमुनापुर की है। अवधेश कुमार गौतम जो पेशे से एक मास्टर हैं उनकी शादी उर्मिला आर्या से करीब 2002 में हुई थी। अवधेश मास्टर ने शादी सिर्फ दहेज के लालच में की थी। शादी के बाद लगभग रोजाना लड़ाई झगड़ा और मारपीट होती थी लेकिन जैसे तैसे दिन बीतते गए और दोनों की 4 बेटियां हुईं।

करीब 7 साल पहले उर्मिला के सास-ससुर (जिनकी अब मृत्यु हो चुकी है) और इनके पति अवधेश ने इन्हें मार पीट कर घर से निकाल दिया था जिसके बाद उर्मिला अपनी चार बेटियों के साथ अपने माता पिता के घर अपने मायके में आके रहने लगीं।

मायके आने के बाद उर्मिला और उनकी चारों बेटियों का खर्चा उर्मिला के पिता जी चंद्रिका प्रसाद (जिनकी अब मृत्यु हो चुकी है) उठा रहे थे।

अपने खिलाफ हुई अत्याचार को लेकर उर्मिला ने कोर्ट में केस किया ताकि उन्हें कुछ गुजारा भत्ता मिल सके, उन्हें उनका हक मिल जाए और उनकी बेटियों की पढ़ाई अच्छे से हो सके। लेकिन पिछले सात सालों में 5, 6 वकील बदलने के बाद भी उर्मिला को उनका हक अभी तक नहीं मिल पाया है। कोई भी वकील उर्मिला का केस सही से नहीं लड़ा जिससे उन्हें कुछ मदद मिल पाती।

इन सात सालों में उर्मिला के पति अवधेश कभी भी अपने बीवी बच्चों से मिलने नहीं आया। इन सात सालों में वकीलों ने भी उर्मिला की केस फ़ाइल उन्हें नहीं दी।

जब कभी उर्मिला अपने ससुराल गई तो अवधेश और उसके भाई ने मिलकर लोगों को इकट्ठा किया और लड़ाई झगड़ा कर  उर्मिला को वापस भगा दिया।

इधर कई सालों तक अवधेश और उसके बड़े भाई राजेश फौजी के खिलाफ न तो वकीलों ने कोई केस लड़ा और न ही पुलिस ने कोई संतोषजनक कार्यवाई की।

अब लगभग 8 सालों बाद जब उर्मिला अपनी ससुराल अपनी मर्जी से वापस गई तब भी वही पहले जैसे हालात हैं, रोज लड़ाई झगड़ा और मारपीट जिसकी वजह से बच्चे इतने डरे हुए हैं कि वे अपनी नानी के घर वापस आके रहने लगे।

उधर उर्मिला के साथ उनके पति काफी अत्याचार कर रहे हैं और वापस जाने की धमकी देते हुए झगड़ा कर रहे हैं।

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