फ्रांस की पत्रिका शार्ली आब्दों ने फिर छापा पैगंबर मोहम्मद साहब का कार्टून , 2015 में हुआ था बड़ा हमला

BY – FIRE TIMES TEAM

फ्रांस की व्यंगात्मक साप्ताहिक पत्रिका CHARLIE HEBDO ने फिर से पैगंबर मोहम्मद साहब के विवादित कार्टूनों को प्रकाशित करना शुरू कर दिया है।  जिसके कारण साल 2015 में पत्रिका के दफ्तर में खतरनाक चरमपंथी हमला हुआ था। जिसमें कुल 23 लोगों की मौत हो गई थी।

2015 में हुए इस्लामी आतंकियों के द्वारा किये गये हमले की सुनवाई बुधवार से शुरू हो रही है। इसी को देखते हुए पत्रिका ने फिर से कार्टून को छापने का फैसला किया है।

वैसे तो शार्ली आब्दो सत्ता विरोधी व्यंग्य छापती है। लेकिन दक्षिणपंथी इसाई, यहूदी और इस्लामिक मान्यताओं पर भी प्रहार करने के लिए यह पत्रिका विवादों में रही है। इससे भी बड़ी समस्या उस समय पैदा हुई जब पत्रिका ने पैगम्बर मोहम्मद साहब के कार्टून बनाना और छापना शुरू किया।

फ्रांसीसी पत्रिका शार्ली आब्दो के नवीनतम अंक में दर्जनों कार्टूनों को प्रदर्शित किया गया है। इसमें मोहम्मद साहब का विवादित कार्टून भी शामिल है। इसकी हैडिंग है, “यह सब, बस उसके लिए”। पत्रिका के संपादक लौरैंस रिस सौरिस्यू ने एक नाेट में कहा है, “इतिहास को न तो दोबारा लिखा जा सकता है, न मिटाया जा सकता है।”

सबसे पहले साल 2005 में डेनमार्क के एक अखबार ने पैगम्बर साहब का कार्टून प्रकाशित किया था। उसके बाद दुनियाभर में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इसके 1 साल बाद फ्रांस की शार्ली आब्दो ने भी यह कार्टून छापा।

कार्टून बनाने के बाद से ही पत्रिका की टीम को धमकियां मिलना शुरू हो गईं। और साल 2011 में पहली बार शार्ली आब्दो के दफ्तर पर पेट्रोल बम से हमला किया गया।

पत्रिका के संपादक ने अपने कार्टूनों को “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” के तहत सही करार दिया था। 2012 में संपादक ने एक समाचार एजेंसी एपी से कहा, “हमारी ड्रॉइंग पर अगर मुसलमानों को हंसी नहीं आती, तो मैं उन्हें दोष नहीं देता। मैं फ्रांसीसी कानून के राज में रहता हूं। मैं कुरान के कानून के तहत नहीं रहता।”

2015 में क्या हुआ था ?

दरअसल मोहम्मद साहब का विवादित कार्टून छपने के बाद 7 जनवरी 2015 को सैड और चेरिफ कोची नाम के भाइयों के साथ कुल 3 आतंकवादियों ने शार्ली एब्दो के दफ्तर में घुसकर अंधाधुंध फायरिंग करते हुए 12 लोगों को मार डाला था। मरने वालों में इस कार्टून को बनाने वाले जीन काबूट भी शामिल थे।

इसके बाद आतंकियों ने एक यहूदी सुपर मार्केट को बंधक बना लिया। और कई यहूदी नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया। तीनों आतंकी भी पुलिस की गोली का शिकार हो गये। इस मामले में कुल 14 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। जिनके ऊपर आतंकियों का साथ देने का आरोप है।

एक रिकॉर्ड वीडियो में आतंकियों की बातचीत से पता चलता है कि यह हमला इस्लामिक स्टेट समूह के इशारे पर किया गया था। गिरफ्तार लोगों की सजा पर बुधवार से सुनवाई शुरू हो रही है। और इनके खिलाफ जनसमर्थन जुटाने के लिए पत्रिका ने कार्टून को फिर से प्रकाशित करने का फैसला किया है।

पत्रिका ने कार्टून के साथ संपादकीय में लिखा है, “यद्यपि हमने हमले के बाद मोहम्मद का कार्टून नहीं छापने का फैसला किया था, लेकिन मामले की सुनवाई शुरू होने के चलते आवश्यक होने पर उसने ऐसा किया है।”

 

 

About Admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *