मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं। लाखों किसान दिल्ली सीमा पर सरकार के खिलाफ डटे हुए हैं।
अब किसानों को लेकर कर्नाटक के कृषि मंत्री ने विवादित बयान दिया है। कृषि मंत्री बीसी पाटिल ने अपने बयान में कहा कि आत्महत्या करने वाले किसान कायर होते हैं।
येदुरप्पा सरकार में मंत्री पाटिल ने कहा,
‘जो किसान आत्महत्या करते हैं वो कायर हैं। सिर्फ एक कायर ही आत्महत्या करता है जो अपनी पत्नी और बच्चों की देखभाल नहीं कर सकता।’
भाजपा नेता कोडागू जिले के पोन्नमपेट में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कायरों को इस बात का एहसास नहीं कि कृषि का बिजनेस लाभदायक है मगर अपनी जान ले लेते हैं।
उन्होंने सोने की चूड़ियां पहनने वाली एक महिला का उदाहरण देते हुए कहा कि मैंने जब महिला से पूछा कि उसके हाथ सोने की चूड़ियों से भरे हुए हैं। तो आप जानते हैं उस महिला मुझसे क्या कहा? ये 35 सालों की कड़ी मेहनत के बदले में धरती मां ने मुझे दिए हैं।
कृषि मंत्री का इशारा मेहनत करने की ओर था। उनकी बात से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि जो किसान आत्महत्या कर रहे हैं वह मेहनत नहीं करना चाहते या करते ही नहीं हैं।
आपको बता दूं कि हर साल देश में हज़ारों किसान आत्महत्या करने को मजबूर होते हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण उनका कर्ज है।
पंजाब में कुछ ऐसे भी गांव हैं जहाँ सिर्फ महिलाएं बची हैं। इन गांवों को विधवा गांव कहते हैं। दरअसल यहाँ किसान आत्महत्या इतने बड़े पैमाने पर हुई हैं कि पुरूष बचे ही नहीं हैं।
अब जब किसान मोदी सरकार के द्वारा लाए गए कानून का विरोध कर रहे हैं तब उन्हें बदनाम करने के लिए कई तरह के फर्जी तरीकों का प्रयोग किया जा रहा है। किसानों को खालिस्तानी तक बता दिया गया है।
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