अगर किसानों ने बातचीत न मानी तो गोली डंडा भी चलेगा: जस्टिस काटजू

 BY- FIRE TIMES TEAM

किसानों का प्रदर्शन काफी जोर पकड़ता जा रहा है। मोदी सरकार ने भी अपना रुख साफ कर दिया है। मन की बात में प्रधानमंत्री ने जो बात कही उससे साफ है कि वह कानून के वापसी में कोई विचार नहीं कर रहे हैं।

दिल्ली में कई राज्यों से किसान जुट रहे हैं। भीड़ बढ़ती जा रही है जिसको देखकर सरकार भी बातचीत का मन बना चुकी है। अब यह बातचीत कैसे हो पाएगी यह अभी भी समझ के बाहर है।

किसानों के इस प्रदर्शन को लेकर उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कण्डेय काट्जू लगातर लिख रहे हैं। अब उन्होंने लिखा है,

बातचीत का निमंत्रण देकर सरकार विवेक से काम कर रही है। अभी तक डंडा नहीं चला सिर्फ अश्रु गैस और वाटर केनन। अगर किसानों ने बातचीत न मानी तो गोली डंडा भी चलेगा

कांग्रेस ने किसानों के इस प्रदर्शन को खुलकर समर्थन दिया है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने किसानों पर पानी की बौछार मारे जाने का एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘किसानों से समर्थन मूल्य छीनने वाले कानून का विरोध का रहे किसान की आवाज सुनने की बजाय भाजपा सरकार उन पर भारी ठंड में पानी की बौछार मारती है। किसानों से सबकुछ छीना जा रहा है और पूंजीपतियों को थाल में सजा कर बैंक, कर्जमाफी, एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन बांटे जा रहे हैं।’’

सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘‘भीषण ठंड के बीच अपनी जायज़ मांगों को लेकर गांधीवादी तरीक़े से दिल्ली आ रहे किसानों को ज़बरन रोकना और पानी की तेज बौछार मारना मोदी-खट्टर सरकार की तानाशाही का जीवंत प्रमाण है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ खेती बिलों के विरोध को लेकर हमारा पूर्ण समर्थन किसानों के साथ है।’’

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘‘आज देश का मज़दूर हड़ताल पर है, आज देश के बैंक कर्मी हड़ताल पर हैं, आज देश का अन्नदाता किसान हड़ताल पर है, आज देश का बेरोज़गार युवा हड़ताल पर है, पर..क्या मोदी सरकार को देशवासियों की परवाह है? क्या ये राष्ट्रसेवा है या राष्ट्र हितों का विरोध? देश फ़ैसला करे!’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘मोदी जी, दिल्ली दरबार को देश के अन्नदाताओं से ख़तरा कब से हो गया? किसानों को रोकने के लिए उन्हीं के बेटे, यानी सेना के जवान खड़े कर दिए। काश, इतनी चौकसी चीन सीमा पर की होती तो चीन देश की सरज़मीं पर घुसपैठ करने का दुस्साहस नही करता। आपकी प्राथमिकताएं सदा ग़लत ही क्यों होती हैं?’’

उल्लेखनीय है कि पंजाब के बहुत सारे किसान केन्द्र के कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो मार्च’ के तहत राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने की कोशिश में हैं। इसको देखते हुए हरियाणा ने पंजाब से लगी अपनी सभी सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया है।

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