BY – FIRE TIMES TEAM
इस समय देश और दुनियाभर की सरकारें कोरोना संकट से गुजर रही है। ऐसे में इस महामारी ने लोगों को और भी तमाम संकट उपलब्ध कराया है। चाहे वह आर्थिक, सामाजिक या फिर मानसिक समस्या हो।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में बुधवार से फिर एस्मा ( Essential Services Maintenance Act, 1966 ) कानून लागू कर दिया है। इससे पहले यह फरवरी में और मई 2020 में लागू किया गया था। इसके अलांवा 2018 और 2019 में भी सरकार ने एस्मा कानून का प्रयोग किया था।
कोरोना महामारी के दौरान सरकारी मशीनरी को सुचारु रखने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में बुधवार को एस्मा कानून लागू कर दिया है।
इस समय जो कारण बताये गये हैं वह तो कोरोना महामारी के कारण जरूरी सेवाओं में पड़ने वाली बाधा से रोकना है। लेकिन फरवरी में जो एस्मा योगी सरकार ने लगाई थी, उसके राजनीतिक कारण थे।
अधिसूचना के मुताबिक राज्य के कार्यकलापों से सम्बन्धित किसी भी लोकसेवा, राज्य सरकार के स्वामित्व या नियंत्रण वाले किसी निगम या स्थानीय प्राधिकरण में हड़ताल पर एस्मा—1966 की धारा तीन की उपधारा एक के तहत अगले छह माह तक के लिये प्रतिबंध लागू कर दिया गया है।
एस्मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को समाचार पत्रों या अन्य माध्यमों से सूचित किया जाता है। एस्मा राज्य तथा केन्द्र सरकार द्वारा संकट के समय कर्मचारियों के हड़ताल रोकने के लिए लागू किया जाता है।
एस्मा लागू होने के दौरान होने वाली हड़ताल को अवैध माना जाता है। इसके उल्लंघन का दोषी पाये जाने पर 250 रूपये जुर्माना या 6 माह की कैद या फिर दोनों हो सकता है। उल्लंघन करने पर बिना वारंंट कर्मचारियों की गिरफ्तारी की जा सकती है।