पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह और चार अन्य आरोपियों को रणजीत सिंह हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई.
जबकि अभियोजन पक्ष ने 12 अक्टूबर को सुनवाई की आखिरी तारीख पर अपनी दलीलें पूरी की थीं और मौत की सजा की मांग की थी, अदालत ने सुनवाई टाल दी थी।
राम रहीम पहले से ही रोहतक के सुनारिया की जिला जेल में बलात्कार की सजा काट रहा है। अब उसे रंजीत सिंह मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने 8 अक्टूबर को चार सह-आरोपियों अवतार सिंह, सबदिल सिंह, कृष्ण लाल के साथ दोषी ठहराया था।
कोर्ट ने जसबीर सिंह और राम रहीम पर 35 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसमें से आधा पीड़ित के बेटे को दिया जाएगा।
अदालत ने 18 अगस्त को मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया था। यह 26 अगस्त को सुनाया जाना था, लेकिन रंजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह द्वारा पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करने के कारण मामले को स्थानांतरित करने की मांग के कारण लंबित था।
दरअसल राम रहीम के अनुयायी और हरियाणा के सिरसा में डेरा के एक प्रबंधक रंजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या की जांच में सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार, डेरा प्रमुख को रंजीत पर अपने अनुयायियों के बीच एक गुमनाम पत्र प्रसारित करने का संदेह था। उन्होंने महिला अनुयायियों का यौन शोषण करने का आरोप लगाया था।