BY – FIRE TIMES TEAM
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को ICICI बैंक की पूर्व मुख्य कार्याधिकारी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को ICICI-Videocon मामले में गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि दीपक कोचर को जांच एजेंसी ने प्रिवेन्शन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया है।
दरअसल, यह मामला वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने में कथित तौर पर अनियमितताओं और धनशोधन से जुड़ा हुआ है। एजेंसी ने इसी साल की शुरूआत में चंदा कोचर, दीपक कोचर और उनके स्वामित्व वाली कंपनियों से संबंधित 78.15 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली थी। इस जांच की शुरूआत वीडियोकॉन ग्रुप को गैरकानूनी तरीके से 1,875 करोड़ का ऋण देने के बाद सीबीआई द्वारा 24 जनवरी, 2019 को दर्ज एफआईआर के आधार पर हुई।
Enforcement Directorate (ED) arrests Deepak Kochar, husband of former ICICI Bank MD & CEO Chanda Kochar in connection with ICICI Bank-Videocon case: Enforcement Directorate (ED) officials pic.twitter.com/b86l6Gs2Eh
— ANI (@ANI) September 7, 2020
यह गिरफ्तारी ईडी ने वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमुख वेणुगोपाल धूत को ICICI बैंक की ओर से 3,250 करोड़ के लोन दिए जाने के मामले में हुई। ईडी की जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि वीडियोकॉन को लोन दिलाने के बदले चंदा कोचर और उनके परिवार को 500 करोड़ घूस के रूप में मिले थे। इस मामले में पति-पत्नी, चंदा कोचर के देवर और वीडियोकॉन के एमडी वेणुगोपाल धूत से भी ईडी ने पूछताछ की थी।
आखिर क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, वीडियोकॉन ग्रुप को साल 2012 में ICICI बैंक से 3,250 करोड़ का लोन मिला था। यह लोन 40 हजार करोड़ का एक हिस्सा था, जिसे वीडियोकॉन ने SBI के नेतृत्व में 20 बैंकों से लिया था। आरोप है कि वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने 2010 में 64 करोड़ रूपये न्यूपॉवर्स रिन्यूएबल्स प्राईवेट लिमिटेड (NRPL) को दिये थे।
इस कंपनी को धूत ने दीपक कोचर और अन्य दो रिश्तेदारों साथ मिलकर शुरू किया था। आरोप है कि लोन मिलने के 6 महीने बाद ही वेणुगोपाल धूत ने सिर्फ 9 लाख रूपये में इसी कंपनी NRPL को दीपक कोचर के एक ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दिया।