BY – FIRE TIMES TEAM
इस कोरोना काल में लॉकडाउन यदि किसी पर कहर बनकर बरपा है तो वे हैं प्रवासी मजदूर। और इसी लॉकडाउन के चलते शहरों से अपने घरों को लौट रहे मजदूर हादसों का शिकार हो रहे हैं।
ताजा मामला उत्तर प्रदेश के औरैया का है जहां दो ट्रकों की टक्कर से 24 मजदूरों की मौत हो गई और करीब 40 लोग घायल हो गए। यह घटना सुबह करीब 3 बजे की है।
जानकारी के मुताबिक बिहार, झारखण्ड और पश्चिम बंगाल को लौट रहे ये मजदूर गेहूं की बोरियों से लदे ट्रक में सवार हो गए थे। जो दिल्ली से आते हुए एक ढाबे पर खड़ा था। जिसमें से कुछ मजदूर चाय पीने के लिए नीचे उतरे थे। उसी समय फरीदाबाद से आ रहे ट्रक ने खड़े ट्रक को टक्कर मार दी।
उत्तर प्रदेश के अलांवा मध्य प्रदेश में भी एक हादसे में 6 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई और 19 लोग घायल हो गए हैं। यह घटना सागर कानपुर मार्ग के छानवीला थाना अंतर्गत निवार घाटी सेमरा पुल के पास एक ट्रक के पलटने से हुई।
इसी प्रवासन के दौरान एक परिवार आटो से दिल्ली से दरभंगा जा रहा था। लखनऊ – आगरा एक्सप्रेसवे पर इस आटो को एक लोडर ने टक्कर मार दी जिसके कारण पति-पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई। उनका 10 साल का बेटा किसी तरह बच गया।
आप कुछ दिन पहले औरंगाबाद में ट्रेन से कटकर 16 मजदूरों की मौत को भूल नही पाये होंगे। इस समय ऐसी तमाम घटनाएं घट रही हैं जिसमें कुछ कहानी बनकर सामने आ रही हैं और कुछ उनकी मौत के साथ गुम हो जा रही हैं।
अब सवाल यह है कि इन प्रवासी मजदूरों का जिम्मेदार कौन? क्या अला8अधिकारी या फिर सत्ता में बैठे लोग? जब सरकार श्रमिक ट्रेनें चला कर वाह वाही लूट रही है तब सड़क पर उन्ही मजदूरों की सैकड़ो लाशें पड़ी हैं? क्या अब सरकार इन मौतों की जिम्मेदारी लेगी?
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