BY- RAHUL KUMAR GAURAV
यूं तो अंडरवर्ल्ड का शहर मुंबई को माना जाता है लेकिन जब भी बाहुबलियों और रंगदारो का जिक्र होगा तो बिहार और उत्तर प्रदेश का नाम अग्रिम पंक्ति में नजर आएगा। पूर्वांचल यूपी और आतंक का जब भी नाम आएगा तो उत्तर प्रदेश के मुख्तार अंसारी, बृजेश सिंह, मुन्ना बजरंगी और धनंजय सिंह जैसे कई माफिया मीडिया में चर्चित रहे।
लेकिन आज हम जिस माफिया का जिक्र करने जा रहे हैं, उन्हें पूर्वांचल का सबसे कुख्यात बाहुबली माना जाता था। हम बात कर रहे हैं माफिया सुभाष ठाकुर का! एक वक्त पूर्वांचल में सुभाष ठाकुर का खौफ ऐसा था कि नाम सुनकर ही मुख्तार अंसारी और अतीक जैसे लोग उसके धंधे में नहीं आते थे। हालांकि आजकल सुभाष ठाकुर जेल के सलाखों के पीछे उम्र कैद की सजा काट रहे हैं।
शुरुआत में सुभाष ठाकुर महादेव नगरी बनारस से मुंबई जाता है। वहां जाकर गैंग में शामिल हो जाता है। शुरुआत छोटे-छोटे अपराध से करता है फिर अपराध की दुनिया में पहुंच गया। यह वह दौर था जब दाऊद पनप रहा था। कहा जाता हैं कि संतोष के गैंग में शामिल होने के बाद ही दाउद ने अपराध के सारे दांव सीखे थे। इसके बाद ही वह मुंबई का डॉन बना था।
मीडिया के मुताबिक जब दाऊद देश छोड़ रहा था उससे पहले सुभाष ठाकुर दाऊद और छोटा राजन के साथ काम कर चुके थे। दाऊद के कहने पर सुभाष कारोबारियों व बिल्डरों से प्रोटेक्शन मनी लेते और जमीन पर कब्ज़ा करते।
उस वक्त सुभाष ठाकुर का एक ही दुश्मन था अरुण गवली। एक समय अरुण गवली के गुर्गों ने दाउद के बहनोई इस्माइल इब्राहिम पारकर को 26 जुलाई 1992 को मौत के घाट उतार दिया। उसके बाद दाऊद ने मुंबई के जे.जे. हॉस्पिटल में 12 सितंबर को भयानक शूटआउट किया।
दुश्मनी का यह दौर एक समय में सुभाष और दाऊद को भी अलग कर दिया। इस दुश्मनी का कारण साल 1993 में हुए मुंबई सीरियल बम धमाके थे, जिसे दाऊद ने अंजाम दिया था। उसके बाद हॉस्पिटल शूटआउट मामले में साल 2000 में सुभाष ठाकुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
सुभाष ठाकुर को सभी बाबा के नाम से जानते हैं। वह आज भी जेल में है, लेकिन पूर्वांचल की सीटों पर उनका दबदबा आज भी कायम है। 2017 में सुभाष ठाकुर का नाम फिर से चर्चा में तब आया गया। जब वाराणसी कोर्ट में उसने याचिका दायर कर अपनी जान को दाउद इब्राहिम से खतरा बताया था।
इसके बाद 2019 में सुभाष को बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस कारण काफी विवाद भी हुआ था। इसका वजह था कि अपराधी ने बीमारी का बहाना बनाकर अस्पताल में शरण ली है।
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