BY- FIRE TIMES TEAM
पुजारियों के अखिल भारतीय संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से COVID -19 के प्रकोप से निपटने में मदद के लिए मंदिरों और तीर्थस्थलों को फिर से खोलने का अनुरोध किया है।
पुजारियों ने यह तर्क दिया है कि कोरोना वायरस एक राक्षस (असुर, दानव) है, जिसे केवल दिव्य शक्तियां ही समाप्त कर सकती हैं।
अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक ने शनिवार को एक पत्र में कहा, “अगर सभी मंदिरों, तीर्थों और तीर्थयात्रा केंद्रों को फिर से खोल दिया जाता है, तो कोरोनावायरस कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।”
उन्होंने कहा कि मंदिरों के बंद होने से पुजारियों की आर्थिक स्थिति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और उनके लिए विशेष वित्तीय पैकेज की मांग की गई है।
प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में, पाठक ने कहा कि धार्मिक स्थलों को वर्तमान परिस्थितियों में कुछ प्रतिबंधों के साथ फिर से खोला जा सकता है।
सरकार ने कोरोनो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए स्कूलों, कॉलेजों, मॉल और कारखानों के अलावा मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
कोरोना वायरस से अब तक 85,000 से अधिक लोगों को संक्रमित हुए हैं और देश में अब तक 2,750 से अधिक लोग मारे गए हैं।
पाठक ने कहा कि भारत संभवत: “देवताओं के क्रोध” का सामना कर रहा है।
उन्होंने कहा, “कोरोनवायरस एक राक्षस (दानव) है और यह केवल दिव्य शक्तियों द्वारा मारा जा सकता है। मुझे पूरा यकीन है कि संयुक्त प्रार्थना के बाद देवतागण कोरोनोवायरस से भक्तों को बचा लेंगे।”
उन्होंने कहा कि मंदिरों के बंद होने से देवताओं और भक्तों के बीच की दूरी बढ़ गई है, और घर में प्रार्थना के माध्यम से अलगाव को मिटाया नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा कि हालांकि उत्तराखंड में चार धाम के मंदिरों के कपाट खोले गए हैं लेकिन भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि देवता अशांत मन को सांत्वना प्रदान करते हैं और मांग की कि भक्तों को वहां अनुमति दी जाए।
एक दिशानिर्देश के तहत मंदिरों के खुलने से पुजारियों को कुछ वित्तीय सहायता मिलेगी जो कोरोनो वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
संगठन ने प्रधान मंत्री से अनुरोध किया है कि पुजारी और पंडों (धार्मिक मार्गदर्शकों) को एक विशेष आर्थिक पैकेज सरकार द्वारा प्रदान किया जाए।
पाठक ने कहा कि पत्र की एक प्रति केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजी गई है।
कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 21 मार्च को 21 दिनों के लिए लॉक डाउन की घोषणा की थी। इसे पहले 3 मई तक और फिर 17 मई तक बढ़ाया गया है।